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काला बच्चा सोनकर, रामभक्त सनातनी जो हुआ मुलायम की तुष्टिकरण नीति का शिकार

Written by Vaarta Desk

काला बच्चा सोनकर, एक ऐसे रामभक्त का नाम है, जिन पर उत्तर प्रदेश में ‘रामकाज’ के लिए एक ही दिन में 76 FIR ठोंक दिए गए। इनका होना कानपुर में हिन्दुओं की सुरक्षा की गारंटी थी। जिन्हें ‘हिन्दुओं का भौकाल’ कहा जाता था।

‘खटिक’ समाज से आने वाले मुन्ना सोनकर उर्फ़ ‘काला बच्चा’ सोनकर कानपुर के बिल्हौर के रहने वाले थे। खटिक समाज दलित समुदाय का एक बड़ा हिस्सा है। काला बच्चा सोनकर कानपुर में इसी का नेतृत्व करते थे। वह खटिकों के साथ ही पूरे हिन्दू समाज में काफी पॉपुलर थे। वह भाजपा से जुड़े हुए थे। इस्लामी कट्टरपंथियों के आतंक से हिन्दुओं को बचाने वाले काला बच्चा पहले सूअर पालने का काम करते थे। इसी के साथ ही वह स्थानीय राजनीति में भी सक्रिय थे।

काला बच्चा का नाम पहले से प्रसिद्ध तो था ही, वह हीरो बन कर तब उभरे जब उन्होंने बाबरी विध्वंस के बाद कानपुर के भीतर हिन्दुओं को बचाया था। 6 दिसम्बर, 1992 को अयोध्या में बाबरी ढाँचे के विध्वंस के बाद देश के बाकी हिस्सों के साथ कानपुर में भी दंगे भड़के थे। बाबूपुरवा, जूही समेत मुस्लिम बहुल इलाकों के अलावा कई जगह हिंसा हुई थी। 6 दिसम्बर के बाद मुस्लिमों ने एक मार्च निकाला था जिसके चलते खून खराबा हुआ। इस दंगे के दौरान आतातायी मुस्लिम भीड़ से काला बच्चा सोनकर ने हिन्दुओं को बचाया और मुस्लिमों का प्रतिरोध किया।

1992 में उनके ऊपर मुकदमे लगे लेकिन लोकप्रियता बढ़ती गई। काला बच्चा सोनकर को 1993 चुनाव में भाजपा ने बिल्हौर से टिकट दिया लेकिन वह हार गए। इस चुनाव के कुछ ही दिनों के बाद 9 फरवरी, 1994 को उनकी हत्या हो गई। हत्या के दिन काला बच्चा सोनकर स्कूटर पर जा रहे थे। उन पर कानपुर में बम चलाया गया था, इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पुरानी रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बम धमाके में उनके शरीर का एक ही हिस्सा बचा था। उन पर इतने शक्तिशाली बम मारे गए थे कि बाद में अस्थियों तक से 40 लोहे के टुकड़े निकले थे।

काला बच्चा की हत्या मामले में कुछ मुस्लिम आरोपित बनाए गए थे। इस मामले में जाँच में सामने आया था कि काला बच्चा को निशाने पर लेने वाले ISI से जुड़े हुए लोग थे। सोनकर को मारने के लिए मुंबई से पैसा भेजे जाने की बात भी सामने आई थी।

काला बच्चा सोनकर के परिवार पर भी मुलायम सिंह यादव की तब की सरकार ने काफी अत्याचार किए थे। काला बच्चा सोनकर के परिवार को उनका शव ही नहीं दिया गया। उनके शव को पुलिस ने जब्त किए रखा। काला बच्चा को पुलिस ने सुबह 4 बजे चुपके से सिंधियों के शमशान में जला दिया।

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