सरपंची जीतने के लिए लिया था 20 लाख का कर्ज
सरकारी धन्यवाद से कर्ज चुकाने का था एग्रीमेंट
मध्य प्रदेश। प्रदेश के गुना जिले में भ्रष्टाचार का एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक सरपंच ने ग्राम पंचायत को ही ‘ठेके’ पर चढ़ा दिया. इसके लिए बाकायदा 100 रुपये के स्टाम्प पर एग्रीमेंट कराया गया. ठेका लेने वाले ने सरपंच का 20 लाख का कर्ज चुकाने की जिम्मेदारी ली। साथ ही पंचायत में होने वाले विकास के कामों में पांच प्रतिशत कमीशन देने की भी गारंटी दी।
मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक पंचायत है करोद. यहां सरपंच का पद महिला के लिए आरक्षित है. लक्ष्मी बाई इस सीट से सरपंच चुनी गई थीं. उनके पति शंकर सिंह गौड़ ने चुनाव लड़ने के लिए गांव के ही हेमराज सिंह धाकड़ से 20 लाख रुपये उधार लिए थे. इस लोन के गारंटर थे पंच रणवीर सिंह कुशवाह.
28 नवंबर 2022 को 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर एक एग्रीमेंट साइन किया गया. इस एग्रीमेंट पर लक्ष्मी बाई, उनके पति शंकर सिंह, रणवीर सिंह कुशवाह और रविंद्र सिंह के सिग्नेचर थे. इस एग्रीमेंट में साफ-साफ लिखा था
“चुनाव जीतने के बाद पंचायत में होने वाले विकास के कामों का 5 प्रतिशत कमीशन सरपंच लक्ष्मी बाई को मिलेगा. रणवीर सिंह कुशवाह को सरपंच प्रतिनिधि नियुक्त किया जाएगा. 20 लाख रुपये का लोन चुकाने के लिए सरकारी फंड का उपयोग किया जाएगा।”
लोन की गारंटी के तौर पर 20 लाख रुपये का चेक हेमराज सिंह धाकड़ के पास रखा गया. इतना ही नहीं पंचायत की चेक बुक, आधिकारिक सील और दूसरे महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स को भी हेमराज सिंह के पास गिरवी रख दिया गया।
बात बाहर आई तो क्या हुआ?
इस मामले की शिकायत मिलने के बाद गुना जिला प्रशासन ने अपनी तरफ से मामले की जांच की और उसके बाद इस मामले में एक्शन भी लिया है. कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि पंचायत अधिनियम की धारा 40 के तहत महिला सरपंच को उनके पद से हटा दिया गया है.
वहीं पंच रणवीर सिंह कुशवाह के खिलाफ गुना जिले के कैंट थाने में FIR दर्ज की गई है. थाना प्रभारी अनूप भार्गव ने बताया कि रणवीर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा (8) समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
देवेद्र सुरजन के फेसबुक वाल से