उत्तर प्रदेश गोंडा स्वास्थ्य

सीएमओ ने की फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा, पीएससी सदस्यों को सराहा

गोंडा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को सीएमओ कार्यालय सभागार में पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफार्म (पीएसपी) सदस्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गठित पीएसपी मंचों द्वारा किए जा रहे कार्यों और उपलब्धियों की समीक्षा की गई।

बैठक में सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले के पंडरी कृपाल ब्लॉक के आयुष्मान आरोग्य मंदिर (पंडरी कृपाल, तुलसीपुर कोंडरी, बराराय, रमवापुर श्याम, भीटी पटखौली, खिरौरा मोहन), बेलसर ब्लॉक (खमरौनी, लौवा टेपरा, मुकुंदपुर, सेमरी) तथा नवाबगंज ब्लॉक (होलापुर काजी, अकबरपुर, चौखड़िया) के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के नेतृत्व में गठित पीएसपी सदस्यों के कार्यों व उपलब्धियों की समीक्षा की।

बैठक में कुल 13 आरोग्य मंदिरों से 95 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें ग्राम प्रधान, कोटेदार, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह से स्वस्थ्य व समूह सखी, और फाइलेरिया मरीज शामिल रहे।

सीएमओ ने कहा, “ग्राम प्रधानों को पीएसपी मंच से जोड़ कर छिपे हुए मरीजों को चिंहित करना आसान होगा, जहां पुरुष ग्राम प्रधानों के सामने पुरुष हाइड्रोसील की समस्या सहज भाव से बता सकेंगे, वहीं महिला ग्राम प्रधानों की मौजूदगी में महिलाएँ स्तन सम्बंधी शिकायतें खुलकर साझा कर पायेंगी।

सीएमओ ने फाइलेरिया की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा, “यह लाइलाज बीमारी है, लेकिन बचाव संभव है। इसके लिए अगस्त माह में सामूहिक सर्व दवा सेवन अभियान (एमडीए) के तहत आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से सभी को दवा खिलाई जाएगी इसके लिए अभी से लोगों को बीमारी की गंभीरता और बचाव के लिए दवा सेवन के महत्व से परिचित कराएं।” उन्होंने कहा कि पीएसपी मंचों की सक्रियता फाइलेरिया उन्मूलन में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

बैठक में सीएचओ हरीश चंद्र (नवाबगंज – चौखड़िया) और नेहा आनंद (भीटी पटखौली) ने पीएसपी की प्रक्रिया, गतिविधियों और सामुदायिक लाभों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंच के माध्यम से लोग विशेष प्रकार का व्यायाम कर रहे हैं, जिससे हाथी पाँव की सूजन में कमी आ रही है और लोग अपने परिवार व समुदाय को जागरूक कर रहे हैं।

एक फाइलेरिया रोगी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैं 20 वर्षों से इस बीमारी से ग्रसित हूं। अब मैं चाहता हूं कि मेरी तरह कोई और इस पीड़ा से न गुजरे, इसलिए पीएसपी से जुड़कर गांव वालों को जागरूक कर रहा हूं।”

बैठक में एसीएमओ नोडल वीबीडी ने निर्देश दिए कि नियमित टीकाकरण , महिला समूह बैठक, मोहल्ला सभा, राशन वितरण दिवस, गोद भराई और अन्नप्राशन कार्यक्रमों में भी फाइलेरिया की दवा के महत्व को बताया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हाइड्रोसील रोगियों को जिला अस्पताल रेफर कर ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, और एमएमडीपी कैम्प से जोड़कर उनका सतत फॉलोअप किया जाए। साथ ही, रोगियों को कल्याणकारी गतिविधियों से जोड़कर उन्हें सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाने हेतु प्रेरित किया जाए।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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