चैन की बंसी बजा रही सी एम ओ की उदासीनता बनी है बड़ा कारण
गोण्डा। एक तरफ जहाँ देश दिवाली की तैयारियों में जोर शोर से जुटा है अपनी आवश्यकता की वस्तुओं की खरीद और घर की सजावट, रंग रोगन कराकर माँ लक्ष्मी की पूजा की तिथि की प्रतीक्षा कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ बने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नियुक्ति पाए हज़ारों कर्मचारियों के घर में फाकाकशी की स्थिति आ रही है जिसका कारण दो माह से बिना वेतन काम करना है, खास बात तो ये है की इस स्थिति के लिए जिम्मेदार मुख्य चिकित्साधिकारी न तो कारण बताने को तैयार हैं और न ही कारण का निवारण।
ज्ञात हो की जिले में चिकित्सकों सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत हुई है जिनकी संख्या हज़ारों में है, ये चिकित्सक और कर्मचारी ज़िला अस्पताल, मेडिकल कालेज से लेकर दूर दराज के स्वास्थ्य केंद्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, अभीतक तो इन्हे वेतन समय पर मिलता रहा है लेकिन पिछले दो माह से इन्हे वेतन उपलब्ध नहीं कराया गया जिसके चलते जहाँ आने वाला महापर्व दीपावली जिसमे हर सनातनी परिवार में कुछ विशेष व्यय का होना अतिआवश्यक होता है, उन्हें पूरा होना तो दूर प्रतिदिन के आवश्यक व्यय में भी इन परिवारों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, स्थिति को देखते हुए इस बात की पूरी सम्भावना है की जिले के एन एच एम कर्मचारियों की ये दिवाली पूरी तरह काली हो सकती है।
खास बात तो ये है की जिले के स्वास्थ्य विभाग की मुखिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिन पर इन कर्मचारियों को ससमय वेतन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है, उनकी उदासीनता उनपर इतनी हावी है की वे हजारों परिवार के इस महत्वपूर्ण समस्या के निराकरण के लिए क्या प्रयास कर रही हैं, इसका कारण क्या है की जानकारी देना तो दूर, चैन कु बंसी बजाती दिख रही हैं जिसका प्रमाण उन्होंने हमेशा की तरह कॉल रिसीव न कर दे दिया है, विशेष तो ये है की आज ही कर्मचारियों ने उन्हें अपनी इस समस्या पर एक मांग पत्र भी सौंपा है लेकिन फिर भी उनका रवैया नहीं बदला जो इस बात को प्रमाणित करता है की उन्हें इन चिकित्सकों और कर्मचारियों की समस्या से कोई लेना देना नहीं है।