उच्च न्यायालय तथा एनजीटी के निर्देशों पर भी लगा रहे सवालिया निशान
गोण्डा। खनन विभाग में पंजीकृत वाहनों द्वारा ही खनिजों के परिवहन के उच्च न्यायालय और एनजीटी के निर्देशों के अनुपालन के लिए जिला प्रशासन ने जिस तरह कमर कसने का दिखावा किया है वह हैरतअंगेज है।
जिला प्रशासन ने विगत 31 जुलाई को जारी अपने प्रेस नोट में उच्च न्यायायल और राष्ट्ीय हरित प्राधिकारण के हवाले से बताया है कि आगमी 1 अक्टूबर से खनन विभाग में पंजीकृत वाहनों द्वारा ही बालू, मोरंग और गिटटी का परिवहन किया जायेगा, साथ ही उन्होनेंं खनिज विभाग के वेबसाइट www.mining.work121.com का भी हवाला दिया है जिस पर वाहनों का पंजीकरण किया जायेगा, जबकि यह वेबसाइट अभी काम ही नहीं कर रही है अर्थात इस वेबसाइट के डोमेन को अभी तक एक्टिव ही नहीं किया गया है। जिससे साफ साफ दिखाई दे रहा है कि जिला प्रशासन एनजीटी और उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुपालन को लेकर कितना गम्भीर है इतना ही नहीं अपनी उदासीनता और लापरवाही को प्रदर्शित करते हुए इसने निष्क्रिय वेबवाइट को ही प्रेस नोट के माध्यम से जारी कर दिया जिससे जाहिर है कि वह जहां एक तरफ जनता में भ्रम की स्थिति बना रहा है वहीं मीडिया को भी गुमराह करने का प्रयास कर रहा है।