स्वामी विवेकानन्द विद्यालय का हाल, गंदगी के बीच पठन पाठन को मजबूर हैं विद्यालय के छात्र
गोण्डा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्ीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन के लिए जहां राष्ट्ीय स्तर पर लाखों करोडों के बजट से शासन प्रशासन द्वारा आम जनमानस में स्वच्छता के प्रति अलख जगाने का कार्य किया जा रहा है वहीं इस मिशन के अपने अंजाम तक पहुचानें में अहम भूमिका निभाने वाले विद्यालय भी अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं, लेकिन जनपद मुख्यालय का एक ऐसा विद्यालय भी है जो अपने को इस कवायद से दूर रख विद्यालय को गंदगी का सिरमौर बनाते हुए गंदगी से भरे माहौल में बच्चों को पठन पाठन के लिए विवश कर रहा है।
जी हां हम बात कर रहे है जिला मुख्यालय से उतरौला रोड पर स्थित स्वामी विवेकानन्द इन्टर कालेज की जिसने इन सारी कवायदों को धता बताते हुए अपने परिसर को गदंगी का अडडा बना रखा है। विद्यालय में व्याप्त गंदगी की हकीकत जानने जब विगत दिनों समाचार वार्ता की टीम विद्यालय पहुचीं तो हकीकत मिल रही जानकारी से भी भयावह थी, विद्यालय परिसर में लगे नल के पास झूठन का ढेर पडा हुआ था एंव काफी जूठन नल के आस पास भी फैली पडी थी, ज्ञात हो कि इसी नल से विद्यालय के छात्र अपनी प्यास बुझाते है। इतना ही नहीं प्रधानाचार्य के कक्ष के ओर जाने वाले रास्ते के एक तरफ लगे इस नल के दूसरी ओर तो गन्दे पानी का एक छोटा सा तालाब भी प्रधानाचार्य ने बनवा रखा है जिसमें प्रतिदिन का गन्दा पानी इकटठा किया जाता है जिसमें पल रहे मच्छर किसी दिन बच्चों को किसी महामारी का शिकार भी बना सकते हैं।
दुख तो तब और भी हुआ जब प्रधानाचार्य बृजेश कुमार द्विवेदी से इस बावत जानकारी और विद्यालय में फैली गंन्दगी के कारणों की बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंनें तानाशाही रवैया दिखाते हुए कुछ भी बताने से मना कर दिया। अब यह बात आसानी से समझी जा सकती है कि जब विद्यालय का सर्वेसर्वा प्रधानाचार्य ही ऐसी गम्भीर अनियमितताओे के प्रति तानाशाही रवैया अपनायेगा तो वहां के अन्य स्टाफ और बच्चोंं से कैसे स्वच्छता की उम्मीद की जा सकती है और ऐसे माहौल में पढ कर निकलने वाले बच्चें अपने घर और अपने आस पास के माहौल को कितना स्वच्छ बनायेगें।