जिम्मेदारों का भ्रष्टाचार दे रहा है अवैध वेंडरो को बढ़ावा
गोण्डा ! वैसे तो ट्रेनों में धूम्रपान सहित तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर सरकार ने प्रतिबंध तो बहुत पहले ही लगा दिया था परंतु जिनके कंधो पर इस प्रतिबंध को पालन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी उनकी नाकामी कहिय या लापरवाही जिम्मेदारी को अमलीजामा नही पहनाया जा सका, नतीजा पैसेंजर सहित सुपरफास्ट ट्रेनों में भी गुटखा खुलेआम बिकता रहा !
यहां यह भी बताना आवश्यक है कि जिम्मेदारों की इस दरियादिली की वजह मात्र लापरवाही ही नही बल्कि पर्याप्त भ्रष्टाचार भी है जिसका प्रमाण कई रेलवे स्टेशन पर ज़िम्मेदारों द्वारा मात्र 10, 20 रुपये की वसूली में देखा जा सकता है जिसके एवज में सरकार के नियमों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाने की अनुमति दे दी जाती है !
फ़िलहाल सोमवार को संभवतः आरपीएफ अपने अपराध बोध से जागी या उच्चाधिकारियों का दबाव रहा या कुछ और, उसने ट्रेनों में अवैध रूप से गुटखा और रेवडी बेच रहे सात लोगो को गिरफ्तार कर लिया !
कार्यवाही की जानकारी देते प्रभारी आरपीएफ प्रवीण कुमार ने बताया कि इस अभियान में कांस ज्ञानेन्द्र कुमार, कांस बी एन राय, म.कांस प्रीती दूबे व म.कांस अमरावती यादव की टीम द्वारा ट्रेनों में अवैध रूप से गुटखा व रेवड़ी मिठाई बेचने के जुर्म में 03 पुरुष वेंडर व 04 महिला वेंडर कुल 07 वेंडरों को गिरफ्तार कर रेसूब पोस्ट गोंडा पर मामला दर्ज किया गया।