अपराध उत्तर प्रदेश गोंडा यात्रा लाइफस्टाइल

जिन पर यात्रियों की सुरक्षा का भार वही डाल रहे उन्हें खतरे में, आरपीएफ की काली करतूत आयी सामने

चहेते वेन्डरों के लिए रखा नियमो को ताक पर, दी मनमानी की छूट, घट सकती है किसी दिन बडी दुर्घटना

गोण्डा। एक तरफ जहां रेल प्रशासन आये दिन यात्रियों की सुरक्षा को चाक चौबन्द करने के लिए नये नये तरीके अपना रहा है वहीं रेलवे का सबसे बडा जिम्मेदार विभाग उन्ही नियमों को ताक पर रखकर यात्रियों की जान को खतरे मे डाल रहा है वह भी चन्द सुविधाओं और छोटे मोटे लाभ के चलते।

जी हां हम बात कर रहे है गोण्डा आरपीएफ की, रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत प्लेटफार्म पर स्थित विभिन्न खान पान के स्टालों के लिए यह नियम बना रखे है कि वे अपने निर्धारित स्टाल पर ही यात्रियों को खान पान की सुविधा उपलब्ध करायेगें जिससे जहर खुरानी जैसी घटनाओं पर विराम लगायी जा सके और किसी तरह की घटना घटित भी होती है तो उसमें सलिंप्त लोगों की पहचान आसान हो सके परन्तु गोण्डा आरपीएफ ने इन नियमों को धता बताते हुए अपने कुछ चहेते स्टाल मालिको ओर प्रबंधकों को इन नियामों को तोड कर अपनी मनमानी करने की पूरी छूट दे रखी है जिसका नतीजा यह होता है कि प्लेटफार्म पर ट्ेन के आते ही उस स्टाल के दर्जनों वेन्डर जिनमें वैध भी होते है अवैध भी डिब्बों और बोगियों को चारो ओर से घेरकर यात्रियों को खान पान के सामान उपलब्ध कराने लगते है। रेलवे सूत्रों की माने तो यह सुविधा आरपीएफ की ओर से उन स्टाल संचालकों को मिली हुयी है जो आरपीएफ कर्मियों की सभी सुख सुविधाओ का हर स्तर पर ख्याल रखते है, जो स्टाल संचालक इन सुविधाओं को मुहैया नहीं करा पाते उन पर ही निर्धारित नियमों का हन्टर चलाया जाता है।

सूत्रों की माने तो चहेते स्टाल संचालकों की यह मनमानी किसी दिन किसी बडे हादसे का सबब बन सकती है संभव है कि किसी दिन इन्ही वैध अवैध वेन्डरों की आड में कोई असमाजिक तत्व यात्रियों को जहरीला खाना भी परोस सकता है जिसमे कई जान खतरे में पड सकते है। यहां यह भी देखना होगा कि गोण्डा जंक्शन पर दर्जनों स्टाल है परन्तु आरपीएफ पोस्ट के ठीक बगल स्थित स्टाल ही इस अनियमितता में क्यो लिप्त है, जाहिर है उसके द्वारा आरपीएफ को कुछ न कुछ भेंट अवश्य ही चढाया जाता है जिसकी पुष्ठि सूत्र भी कर रहे है।

सूत्र तो यहां तक बताते है कि इस अनियमितता को आरपीएफ के साथ साथ प्लेटफार्म निरीक्षक के एल यादव का भी पूरा पूरा संरक्षण मिला है जिसमे एवज में उनकी भी समय समय पर पूजा की जाती है। रेलवे के इन जिम्मेदारों पर यदि समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया तो जहां यात्रियों की सुरक्षा पर किसी दिन गम्भीर खतरा उत्पन्न हो सकता है वहीं आदर्श स्टेशन का दर्जा पाये गोण्डा जंक्शन पर बदनुमा दाग भी लग सकता है।

यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े इस अहम् मुद्दे पर प्लेटफार्म निरीक्षक के एल यादव से उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए जब उन्हें कॉल किया गया तो उन्होंने हमेशा की तरह फोन रिसीव न कर इस बात का प्रमाण दे दिया की न तो उन्हें यात्रियों की चिंता है और न ही अपने ऊपर लग रहे भ्रस्टाचार के आरोपों की !

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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