विद्युत् परिषद् के विघटन के 20 वर्षों की समीक्षा कर विद्युत् निगमों का एकीकरण किया जाये
पुलिस कमिश्नर तैनाती का स्वागत
ऊर्जा सहित सभी इन्जीनियरिंग विभागों में भी योग्य व् अनुभवी अभियन्ताओं को प्रमुख सचिव व् सीएमडी बनाया जाये
लखनऊ ! आल इण्डिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन ने पुलिस कमिश्नर तैनाती का स्वागत करते हुए मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ का इस हेतु धन्यवाद किया है और मांग की है कि विद्युत् परिषद् के विघटन के 20 वर्षों की समीक्षा कर विद्युत् निगमों का एकीकरण किया जाये और विशेषज्ञ सेवाओं को समुचित सम्मान देने की दिशा में ऊर्जा सहित सभी इन्जीनियरिंग विभागों में भी योग्य व् अनुभवी अभियन्ताओं को प्रमुख सचिव व् सीएमडी बनाया जाये|
आल इण्डिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने पुलिस कमिश्नर नियुक्त करने हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा है कि पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया जाना विगत 50 वर्षों से लंबित था किन्तु दृढ राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए योगी आदित्यनाथ ने इसे लागू किया जो अत्यंत सराहनीय कदम है | उन्होंने इसे उप्र की सरकारी सेवाओं में लीक से हटकर विषय के जानकार प्रोफेशनल सेवाओं को समुचित महत्त्व दिए जाने की पहल करार देते हुए मुख्यमंत्री से मांग की है कि इसी क्रम में ऊर्जा सहित सभी इन्जीनियरिंग विभागों में सीएमडी व् प्रमुख सचिव के पदों पर भी योग्य व् अनुभवी अभियंताओं को तैनात कर सार्थक पहल की जाये |
आल इण्डिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन ने यह भी कहा कि बीस साल पहले 14 जनवरी को घाटे के नाम पर उप्र राज्य विद्युत् परिषद् का विघटन कर कई निगमों का गठन किया गया था जो प्रयोग पूरी तरह विफल रहा है अतः विद्युत् परिषद् के विघटन के 20 वर्षों की समीक्षा कर निगमों का एकीकरण करने की जरूरत है | उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में जब विघटन किया गया था तब विद्युत् परिषद् का वार्षिक घाटा मात्र 77 करोड़ रु था जो विगत बीस वर्षों में बढ़कर 85 हजार करोड़ रु से अधिक हो गया है | विद्युत् परिषद् के विघटन के बाद बने निगमों का प्रशासनिक खर्च कई गुना बढ़ गया है जो एक अलग बोझ है |
उन्होने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में बना जिसमे विद्युत् परिषद् को विघटित करने की बात कहीं नहीं लिखी है | एक्ट में विद्युत् परिषद् के निगमीकरण की बात लिखी है विघटन की नहीं| इसी एक्ट के आधार पर केरल में के एस ई बी लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश में एच पी एस ई बी लिमिटेड बनाया गया है जिसमे विद्युत् उत्पादन , पारेषण और वितरण एक साथ हैं | उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 बनने के चार साल पहले विश्व बैंक व् नौकरशाही के दबाव में विद्युत् परिषद् का विघटन कर कई निगम बना दिए गए जिसके दुष्परिणाम आज बीस साल बाद बढे प्रशासनिक खर्च और निरंतर बढ़ते घाटे के एवज में आम जनता को टैरिफ बढ़ोत्तरी के रूप में चुकाना पड़ रहा है |
उन्होंने कहा कि कितनी विडम्बना है कि विघटन के बाद वितरण ,उत्पादन और पारेषण की कम्पनिया अलग अलग हो गई है जिसके परिणाम स्वरुप एक ओर उत्पादन और पारेषण की कम्पनियों को मुनाफे पर अरबों रु का इनकम टैक्स देना पड़ रहा है तो वितरण कम्पनियों को घाटे का बोझ उठाना पड़ रहा है और इस सबकी भरपाई आम उपभोक्ता को बढे हुए टैरिफ से चुकानी पड़ती है | यदि कंपनियों का एकीकरण कर दिया जाये तो इनकम टैक्स की अरबों रु की बचत होगी, प्रशासनिक खर्चों में भारी बचत होगी और एकीकृत कंपनी का घाटा भी काफी कम हो जायेगा | उन्होंने कहा कि बीस वर्ष का समय काफी लम्बा होता है अतः बीस वर्षों की विफलता को देखते हुए बिजली निगमों का तत्काल एकीकरण किया जाना जरूरी है |