अपराध उत्तर प्रदेश गोंडा राजनीति स्वास्थ्य

डॉ अहमर जावेद और भाजपा नेता विवाद की हकीकत बयां करता सीसीटीवी फुटेज

गोंडा ! सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर अहमर जावेद सिद्दिक़ी की भाजपा नेता के पुत्र अमित मिश्रा के साथ हुई मार पीट मामले ने अब नया विवाद खडा कर दिया है,जिसमे पुलिस की कार्यवाही सत्तापक्ष के दबाव मे आकर किये जाने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है।जो की काफी हद तक इश ओर इशारा भी कर रहा है।

घटना बीते रात 8:30बजे की है।अमित मिश्रा की तहरीर के अनुसार जब वह दवा आपूर्ति के 2लाख 25हजार रुपये बकाया लेने के लिये आरोपी डॉक्टर के नर्सिंगहोम पहुचा तो डॉक्टर व उनके अन्य सहयोगियों ने उसपर जानलेवा हमला कर दिया।अब इश मामले मे सिटी नर्सिंगहोम की तरफ से एक सी सी टीवी टेप जारी किया गया है जिसमे चिकित्सालय के बाहर अमित मिश्रा व डॉक्टर के बीच हुई झड़प का पूरा दृश्य दिखाई पड़ रहा है।

वीडियो मे डॉक्टर जावेद हाथ से बाएँ ओर झ।पड़ मारते दिखाई पड़ रहे है।उनके हाथ मे कोईऔजार भी दिखाई नही पड़ रहा है।अमित मिश्रा वहाँ से सही सलामत वापस अपनी बाइक से घर जाते हुए दिखाई पड़ता है।उसके शरीर पर कही खून के धब्बे भी जाहिर नहीं होते हैं ।

ध्यान देने योग्य बातें यह है कि घटना का दर्शाया गया समय व मुकदमा दर्ज किये जाने के समय मे मात्र एक घंटा बीस मिनट का अन्तर ही है।जनपद की पुलिस ने इश मामले मे जितनी तेजी के साथ अपना फर्ज निभाया है वह भी काबिलेगौर है ।प्रश्न यह है की जब डॉक्टर ने उस पर धारदार औजार से हमला ही नही किया तो वह घायल कैसे हुआ?डॉक्टर पर आरोप लगाने वाले अमित मिश्रा सत्तपक्ष से जुडे हुए भाजपा के पूर्व अध्यक्ष शेषनरायन मिश्र जो की भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के वर्तमान सदस्य व युपी खादी बोर्ड के भी सदस्य हैं के पुत्र बताए जा रहे है ।इनका विवाद जिला अस्पताल मे तैनात चिकित्सक डॉक्टर लक्ष्मीकांत गोस्वामी के साथ भी हो चुका है,इस मामले मे भी पीड़ित डॉक्टर के खिलाफ भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था।बाद मे अस्पताल प्रशासन व डॉक्टर के द्वारा मुकदमा पंजीकृत कराया गया था उस समय मामला सुलह हो कर खत्म हो गया था ।उस मामले मे इन लोगों पर इमरजेंसी मे घुस कर डॉक्टर पर जानलेवा हमला किये जाने का आरोप लगा था।

पुलिस ने इस मामले पर जिस तेजी के साथ बिना जांच किये एक डॉक्टर पर एकतरफा कार्यवाही की है वह संदेह को और भी बढाता है ।इस मामले मे पुलिस ने आखिर इस बात की जांच क्यूँ नही की कि वर्षों से साथ कार्य कर रहे साथी के ऊपर आखिर डॉक्टर ने जानलेवा हमला क्यूँ किया।हॉस्पिटल से निकल कर जब सही सलामत वह घर के लिये निकला तो उसे घर पहुंचने मे कितना समय लगा।वह घायल कैसे हुआ।घायलअवस्था मे वह थाने पर कितने बजे पहुंचा।थाने से उसको मैडिकल के लिये मज्रूबी चिट्टी जारी कर मेडिकल कराने मे कितना समय लगा।वापस थाने आकर मुकदमा लिखाने मे कितना समय लगा।मात्र 1घंटा बीस मिनट ।इतने कम वक़्त मे एक वरिष्ठ चिकित्सक के ऊपर मुकदमा दर्ज कर उसे शाम को जेल भी भेज दिया गया।इसकी सूचना न ही पी एम एस संघ को दी जाती है,न ही आई एम ए गोंडा को कुछ बताया जाता है।पुलिस आरोप को ही अपराध समझते हुए बिना किसी जांच व साक्ष्य के मैडिकल रिपोर्ट पर आधारित चोटों पर मुकदमा दर्ज कर सत्तासीन नेताओं के प्रति सद्भावना व्यक्त करती दिखाई पड़ रही है।डॉक्टर ने मारपीट की है यह बात सत्य है।पुलिस को मारपीट का मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करनी चाहिए।बिना जांच किये जानलेवा हमले का आरोपी बना कर एक डॉक्टर को जेल भेजने की यह कार्यवाही निस्पक्ष कार्यवाही व न्याय्पूर्ण कार्यवाही का खुला उल्लंघन है पुलिस के द्वारा।पुलिस के आला अधिकारियों को चाहिए कि इस मामले मे निस्पक्ष रूप से जांच कर न्याय को सरल बनाना चाहिए।

About the author

अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

aplikasitogel.xyz hasiltogel.xyz paitogel.xyz
%d bloggers like this: