फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 29 फरवरी तक चलेगा मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान
गोंडा ! अगर आपको फाइलेरिया की दवा खाने से पेट दर्द, उल्टी, मितली, चक्कर आना, चकत्ते पड़ना और दिल की धड़कन तेज होने जैसी समस्या होती है, तो आप घबरायें नहीं बल्कि यह फाइलेरिया होने का सबूत है। इसकी दवा आपके शरीर में फैले संक्रमण को पूरी तरह खत्म कर रही है। यह यह कहना है सीएमओ डॉ मधु गैरोला का। शनिवार को फाइलेरिया-एमडीए अभियान के समीक्षा बैठक के दौरान सीएमओ फाइलेरिया बीमारी की विस्तृत जानकारी दे रहीं थीं ।
सीएमओ ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग निश्चिंत होकर फाइलेरिया रोधी दवा खाएं। इस दवा से कोई नुकसान नहीं होता है। इस दवा से परेशानी सिर्फ उन्हीं को होती है जिनके भीतर फाइलेरिया के वाहक माइक्रोफाइलेरिया मौजूद हैं और दवा के असर से उनका खात्मा होने लगता है। ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर सीएचसी-पीएचसी पर रैपिड रिस्पांस टीम बनी हुई है जो फौरन मदद कर रही है।
इस मौके पर सीएचसी तरबगंज के अधीक्षक डॉ जगदीश कुमार सिंह ने बताया कि एमडीए प्रोग्राम के तहत सीएचसी क्षेत्र के 26,766 घरों के 1,69,059 लोगों को दवा खिलाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने दवा खिलायी जा रही है ।
उन्होंने बताया कि गत दिनांक 18 फरवरी 2020 को नारायणपुर मौजा के राजाराम का पुरवा तथा मिट्ठू का पुरवा के कुछ लोगों ने दवा खाने के कारण तबीयत खराब होने की सूचना क्षेत्रीय एएनएम रचना को दी । इस पर सीएचसी पर गठित रैपिड रेस्पॉन्स टीम मौके पर भेजकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच करायी गयी, जिसमें पाया गया कि एक बच्ची के अलावा किसी और व्यक्ति में दवा का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है । कुछ लोग जो केवल मानसिक रूप से भयभीत दिखाई दिये, उनको सीएचसी पर लाया गया । कुछ देर चिकित्सीय पर्यवेक्षण में रखने पर जब लोग सामान्य दिखाई देने लगे, तो उन्हें घर भेज दिया गया । उन्होंने लोगों से अपील किया है कि लक्षित समूह के सभी लोग दवा जरूर खायें । यह पूरी तरह सुरक्षित है । साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि 159 टीमों के द्वारा 32 सुपरवाइजर की निगरानी में 20 फरवरी 2020 तक 59,864 लोगों को दवा खिलाकर ब्लॉक में लक्ष्य के सापेक्ष 35.41 फीसदी की उपलब्धि दर्ज की गयी है ।
वहीं राजाराम का पुरवा के निवासी सत्यपाल सिंह ने कहा कि उनके घर में 19 लोगों ने दवा खायी है । सभी लोग ठीक हैं । जिनको कुछ दिक्कत हुई है वो मौसम के उतार-चढ़ाव की वजह से पहले से कुछ बीमार थे । 26 वर्षीय रेशमा सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि आशा दीदी ने बताया था कि बुखार, खुजली व जी मचलाना जैसी दिक्कत होगी, वही थोड़ा-सा हुआ लेकिन अब ठीक है ।
गौरतलब है कि लिम्फैटिक फाइलेरियासिस के उन्मूलन के लिए 31 जिलों में 17 फरवरी से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) फाइलेरिया अभियान चलाया जा रहा है। जो कि 29 फरवरी तक चलेगा। जिला मलेरिया एवं फाइलेरिया मुबीन अहमद ने बताया कि 17 फरवरी से आशा-आंगनबाड़ी की टीम घर-घर जाकर अपने सामने लोगों को फाइलेरिया की दवा खिला रही हैं। उन्होने लोगों से आपील की है कि फाइलेरिया की दवा खाली पेट न खाएं और स्वास्थ्यकार्यकर्ता के सामने ही खाएं। यह दवा गर्भवती, गंभीर रूप से बीमार लोगों और 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं खिलानी है।