उत्तर प्रदेश गोंडा स्वास्थ्य

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष, रूढ़ीवादी परम्पराओं से परे होकर संगिनी रीमा सिंह ने किया काम, हर तरफ सम्मान पाने का हासिल किया मुकाम

अपने काम से रीमा सिंह ने खुद की बनायीं ऐसी पहचान कि गाँव की अन्य महिलाओं के लिए हुआ प्रेरणीय नाम

गोंडा |पंखो से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है और मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है | इस बात को आत्मसात कर रीमा सिंह ने एक आशा के रूप में जब अपने क्षेत्र में नवजात शिशुओं की सही देखभाल, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन और टीकाकरण की दर को बेहतर बनाने की मुहीम छेड़ी, तो लोग तरह-तरह की बातों के साथ उनका मजाक उड़ाने लगे, लेकिन रीमा ने अपना प्रयास निरंतर जारी रखा और अंत में सफलता ऐसे मिली कि विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों के सफल सञ्चालन में रीमा सिंह महती भूमिका पायी गयी | जिसके लिए उन्हें जनपद स्तर पर अधिकारियों द्वारा सम्मानित भी किया गया |

2006 में आशा और 2013 में बनीं संगिनी

सीएचसी काजीदेवर के उपकेन्द्र रुद्रपुर विशेन अंतर्गत ग्राम सभा इमरती बिसेन निवासी रीमा सिंह बताती हैं कि स्नातक पास करने के बाद घर वालों ने मेरी शादी कर दी | गृहस्थ जीवन में प्रवेश कर घर का चूल्हा-चौका और पारिवारिक जिम्मेदारी संभाल तो ली, लेकिन पढ़ाई-लिखाई करने के बावजूद भी आगे कुछ न कर पाने की कसक मन में हमेशा बनी रहती थी | इसी बीच गाँव की एएनएम विमला सिंह एक दिन घर पर आयीं और उन्होंने मेरे पति व सास को आशा योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बहु जब पढ़ी-लिखी है, तो क्यों न उसे आशा में करवा दो | रीमा बताती हैं कि पहले तो घर वालों ने ये कहकर मना कर दिया कि लोग क्या कहेंगे, लेकिन जब मैंने भी थोड़ा प्रयास किया तो सब लोग मान गए और 2006 में मुझे आशा के रूप में काम करके जिन्दगी में आगे बढ़ने का एक मौका मिला | मुझे ग्राम सभा इमरती बिसेन के गोसांईपुरवा, डफालीपुरवा, कलवारपुरवा और बिमौर कार्यक्षेत्र मिला | इसके बाद रीमा ने परिवार नियोजन, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण समेत अन्य विभागीय कार्यों की जिम्मेदारी बख़ूबी निभाई | उनके सराहनीय कार्यों को देखकर वर्ष 2013 में विभाग ने पदोन्नति कर 22,340 की आबादी में काम कर रही 22 आशाओं का सुपरवाइजर बनाते हुए रीमा सिंह को संगिनी पद की जिम्मेदारी सौंपी |

गांव और रिश्तेदारी की कई महिलाओं को रीमा से मिली आगे बढ़ने की प्रेरणा –

आशा सुनीता सिंह बताती हैं कि रीमा के काम और गाँव में उनकी एक अलग पहचान से प्रेरित होकर हमारे अलावा दो-तीन अन्य महिलाओं ने भी आशा के रूप में काम करना शुरू किया | आशा विमलेश सिंह व जुगनू निशा ने बताया कि आशा डायरी भरने, एचबीएनसी भ्रमण करने और अन्य कामों संगिनी रीमा सिंह हम सभी का बहुत सहयोग करती हैं | इन सभी लोगों ने कहा कि वास्तव में रीमा सिंह हम सभी के लिए प्रेरणीय हैं |

अच्छे कार्य के लिए कई बार मिला सम्मान –

बीसीपीएम संतोष श्रीवास्तव ने कहना है कि पारिवारिक जिम्मेदारियां होते हुए भी रीमा लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करने का काम बहुत अच्छे से करती हैं | ब्लॉक में बेहतर काम करने वाली आशा व आशा संगिनी में रीमा सिंह का नाम सुमार है | उन्होंने कहा कि कार्यकुशलता के आधार पर ही रीमा सिंह को ब्लॉक की श्रेष्ठ आशा के रूप में एक बार प्रथम, तीन बार द्वितीय व दो बार तृतीय स्थान के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है | इसके अलावा 2018-19 में रीमा सिंह के कार्य क्षेत्र में 520 एचबीएनसी, 556 संस्थागत प्रसव, 28 नसबंदी तथा 571 पूर्ण प्रतिरक्षण की उपलब्धि पर उन्हें जनपद की द्वितीय श्रेष्ठ आशा संगिनी के रूप में पुरस्कृत किया गया |

About the author

राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

aplikasitogel.xyz hasiltogel.xyz paitogel.xyz
%d bloggers like this: