स्थानीय प्रशासन से निराश पीड़ितों ने मुख्यमंत्री तक पहुंचाई शिकायत
गोण्डा ! मामला सदर तहसील की ग्राम भटवलिया का है जहां पर ग्रामवासियों द्वारा कोटेदार और पूर्ति निरीक्षक पर बहुत बड़ा घोटाला करने की शिकायत और जांच की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम भटवलिया की राशन दुकान में ही ग्राम कंधरातेजी की दुकान भी संबद्ध थी जिसमे कोटेदार और पूर्ति निरीक्षक द्वारा कंधरा तेजी के लाभार्थियों के आधार कार्ड की छायाप्रति ग्राम भटवलिया के परिवारवालों में फीड कर दिया और भटवलिया में ग्राम कांधरतेजी का फ़ीड कर दिया जिससे राशन का अलॉटमेंट बढ़ गया और उसको वितरित ना कर कालाबाजारी कर ली है !
इस बड़ी अनियमितता का जब अप्रैल माह में ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया तो गाँव के ही पच्चीस लोगो का राशन कार्ड काटकर कोटेदार द्वारा मेडिकल लगा दिया गया और पूर्ति निरीक्षक से मिलीभगत कर राशन की दुकान को बिना लिंक शॉप के लॉकडॉउन में बीस किलमीटर दूर संबद्ध कर दिया गया, मेडिकल लगाने के बाद भी ग्राम भटवलिया के कोटेदार पति और रमवापुर श्याम के कोटेदार ने मिलकर रमवापुरश्याम में वितरण किया और फिर कम राशन देकर कालाबाजारी कर ली ।
ग्रामवासियों ने यह भी शिकायत की है कोटेदार लोकवाणी का संचालन भी करते है और घर से ही अवैध राशन यूनिट की फीडिंग की जाती है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश योगी आदित्यनाथ, जिलाधिकारी डॉ नितिन बंसल, उपजिलाधिकारी और जिला पूर्ति अधिकारी को लिखित शिकायत भेजकर दोनो कोटेदारों और पूर्ति निरीक्षक के विरुद्ध निष्पक्ष जांच की मांग की है और जिस लोकवाणी केंद्र से फीडिंग की गई है उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की है, इतना ही नही चावल जो माह की पन्द्रह तारीख से वितरण होता है उसका वितरण गांव में कराने की मांग की है।
शिकायत कर्ताओं ने बताया कि कोटेदार के पति ने धमकी देते हुए कहा है कि शिकायत करनेवाले को तरबगंज की परास गांव में हुई हत्या की तरह घटना का सामना करना पड़ेगा, धमकी के बाद से ग्रामीणों में बुरी तरह भय व्याप्त है । जानकारों की माने तो यह गड़बड़ घोटाला तो मात्र नमूना है इसी तरह के अनेकों घोटाले पूर्ति विभाग में बड़ी ही आसानी से किये जा रहे है जिनमे कोटेदार और पूर्ति निरीक्षकों का बहुत बड़ा रोल है !