शिक्षकों की समस्याओं को लेकर लेखाधिकारी से चर्चा करने गया था प्रतिनिधि मंडल
लखनऊ ! उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने बेसिक शिक्षा के लेखाधिकारी नागेश कुमार त्रिपाठी पर बेसिक शिक्षिका रीना त्रिपाठी के साथ दुर्व्यवहार व असंसदीय शब्दों का प्रयोग करने व अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए लेखाधिकारी त्रिपाठी पर कठोर कार्यवाही की माँग की है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विजय चौरसिया,वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह,संयुक्त मंत्री अम्मार अली और मंती ज्ञान प्रताप सिंह ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय अलीनगर खुर्द ,सरोजनी नगर में कार्यरत सहायक अध्यापिका रीना त्रिपाठी जो प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला इकाई लखनऊ में कोषाध्यक्ष भी है के साथ अपने कार्यकाल में लेखाधिकारी नागेश कुमार त्रिपाठी ने वेतन निर्धारण में अनियमितता के मामले में शिक्षिका द्वारा ज्ञापन देने के बाद वार्ता में अपना आपा खोकर अभद्रता की व असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया।
उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय स्थित वित्त एवं लेखा अधिकारी से लखनऊ के शिक्षकों के वेतन निर्धारण में अनियमितता और विसंगति के संबंध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल वार्ता करने के लिए गया था जिसमे रीना त्रिपाठी भी सम्मिलित थी।
इस घटना के एक हफ्ते पहले भी रीना त्रिपाठी ने वित्त एवं लेखा अधिकारी के सामने अनियमितता को संज्ञान में लेने का आग्रह किया था, तब भी वित्त एवं लेखाधिकारी का रुख सकारात्मक नहीं था और उन्होंने वार्ता हेतु एक हफ्ते बाद आने को कहा था ।इसी क्रम में संघ के प्रतिनिधि वित्त एवं लेखाधिकारी के दफ्तर लगभग 4:00 बजे पहुंचे ।जैसे ही उन्होंने अपनी बात रखनी प्रारंभ की नागेश कुमार त्रिपाठी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर उनके दफ्तर में जो वेतन संबंधी घोटाले हो रहे हैं उसे न उजागर करने की चेतावनी देने लगे।
वार्ता के दौरान अचानक उत्तेजित होकर लेखाधिकारी शिक्षिका रीना त्रिपाठी की ओर इशारा करके कहने लगे कि मैं इस महिला से बात नहीं करूंगा। यह निवेदन करने पर कि चयन वेतनमान और वेतन वृद्धि न लगने की शिक्षकों की समस्या है, और वे अपनी समस्या आपके सामने रखने आये हैं तथा मेरे जैसे लखनऊ के लगभग बहुत से शिक्षकों की यह समस्या है शिक्षक प्रतिनिधि होने के कारण हम उनकी समस्याओं से आपको अवगत कराना चाहते है ।
बार बार निवेदन करने पर भी समस्या सुनने और समाधान करने के बजाय, लेखा अधिकारी उत्तेजित होकर कहने लगे कि यह औरत कमरे से बाहर निकल जाए , इस औरत से मैं बात नहीं करूंगा। उन्होंने कई अमर्यादित टिप्पणियां की और हद तो तब हो गई जब उन्होंने यह कहा कि इस सड़क छाप औरत से बात नहीं करूंगा,यह टिप्पणी किसी भी महिला के लिए घोर अपमान जनक है ।
उक्त घटनाक्रम से कई शिक्षकों के सामने एक महिला शिक्षक की गरिमा और निजता पर गहरी चोट आई है। इस महिला उत्पीड़न के अपमान जनक व्यवहार और टिप्पणी से शिक्षक अत्यधिक व्यथित है और पीड़ित शिक्षिका गहरा अवसाद अनुभव कर रही है। इस घटना के समय उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के विजय चौरसिया, प्रदीप सिंह, अम्मार अली सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे। सभी उपस्थित पदाधिकारी लेखा अधिकारी द्वारा की गई अमर्यादित और अपमानजनक टिप्पणी से हतप्रभ रह गए।
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने वित्त नियंत्रक से मांग की है कि उक्त अमर्यादित घटना का संज्ञान लेते हुए ,महिला सम्मान की रक्षा के लिए लेखा अधिकारी नागेश कुमार त्रिपाठी पर नियमानुसार महिला उत्पीड़न में समुचित कार्यवाही करने की कृपा करें।