उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना हेतु कई ऐतिहासिक निर्णय लिये गये हैं, जो खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में बदलाव करते हुए राज्य के उद्यमियों की मदद करने में बहुत ही सहायक है। प्रदेश सरकार राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनेक उल्लेखनीय कार्य कर रही है।
प्रदेश सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के सर्वांगीण विकास हेतु एवं प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उ0प्र0 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 प्रख्यापित की गयी है, जिसके अन्तर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना/विस्तारीकरण एवं आधुनिकीकरण हेतु पूंजीगत उपादान एवं ब्याज उपादान, अनुसंधान एवं गुणवत्ता विकास, प्रोटोकाॅल विकास, मानकीकरण प्रोत्साहन तथा पेटेण्ट डिजाइन पंजीकरण, बाजार विकास आदि हेतु अनुदान एवं रियायतें उपलब्ध करायी जाती हैं।
उ0प्र0 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018 से अब तक उद्यमियों से 542 आॅनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें लगभग रु0 2964.03 करोड़ का निजी पूंजी निवेश एवं कुल 44058 रोजगार सृजन की सम्भावना है। इन आवेदनों में फल-सब्जी प्रसंस्करण के 59, उपभोक्ता उत्पाद 155, खाद्यान्न मिलिंग 258, हर्बल प्रोसेसिंग 03, दुग्ध प्रसंस्करण 19, तिलहन प्रसंस्करण 19, दलहन प्रसंस्करण 07, मांस प्रसंस्करण 03, रीफर वैन 09, बैंकेबुल प्रोजेक्ट 04 तथा अन्य उत्पादों के 04 उद्योग सम्मिलित हंै।
इस नीति के अन्तर्गत अब तक राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी (एस.एल.ई.सी.) द्वारा 275 परियोजना प्रस्तावों (140 प्रस्ताव पूंजीगत उपादान एवं 135 प्रस्ताव ब्याज उपादान) को स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिनमें रु. 810.51 करोड़ का निजी पूंजी निवेश हो रहा है तथा 19310 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार सुलभ कराया जा रहा है। इन इकाईयों को अब तक रु. 56.34 करोड़ की अनुदान धनराशि स्वीकृति की गयी है। इसके सापेक्ष गतवर्ष (2019-20) तक 134 प्रस्तावों को अनुदान धनराशि रु. 36.94 करोड़ उद्यमियों के खाते में डी0बी0टी के माध्यम से अन्तरित करायी गयी। नीति के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में धनराशि रु0 38.325 करोड़ का बजट प्राविधान है। अब तक 09 संस्थाओं को अनुदान धनराशि रू. 2.19 करोड का डी.बी.टी. के माध्यम से भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नवयुवकों, कृषकों एवं नव उद्यमियों के आर्थिक उन्नयन हेतु महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना संचालित की है। जिसके अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में प्रदेश के 53 जनपदों में 01 माह के उद्यमिता विकास प्रशिक्षण में लगभग 2970 लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान कर 119 सूक्ष्म/लघु उद्योग की स्थापना की गई, जिसमें फल-सब्जी प्रसंस्करण के 53, अनाज आधारित 41, मसाला उद्योग के 08, दुग्ध प्रसंस्करण 04 एवं उपभोक्ता उत्पाद के 13 इकाइयां सम्मिलित हैं। इन इकाइयों को 1.14 करोड़ का अनुदान लाभार्थियों को इकाई स्थापित करने के उपरान्त प्रदान किया गया।
प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में चयनित 50 जनपदों हेतु न्याय पंचायत स्तर पर 03 दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण जागरूकता शिविर के 400 एवं जनपद स्तर पर 01 माह के उद्यमिता विकास प्रशिक्षण के 50 कार्यक्रम लक्षित हंै, जिसके सापेक्ष धनराशि रु0 1.30 करोड़ का बजट प्राविधान है। अभी तक 48 सूक्ष्म/लघु उद्योग इकाईयां स्थापित हो चुकी हैं, जिसमें फल-सब्जी प्रसंस्करण के 22, अनाज आधारित 19, मसाला उद्योग के 02 एवं दुग्ध प्रसंस्करण की 05 इकाइयां सम्मिलित हैं। इनको अब तक रु0 17 लाख का अनुदान भुगतान किया जा चुका है।