आयकर विभाग ने फर्जी बिल बनाकर बड़े पैमाने पर पैसों की हेरा-फेरी करने वाले लोगों के एक बड़े नेटवर्क का भांडाफोड़ करते हुए 26 अक्टूबर, 2020 को छापे मारी और जब्ती की कार्रवाई की। इस सिलसिले में दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 42 स्थानों पर छापे मारे गए और तलाशी की गई।
इस दौरान फर्जी बिल के आधार पर पैसों की हेरा-फेरी करने वाले एंट्री ऑपरेटरों, बिचौलियों, लाभार्थियों और कंपनियों के खिलाफ कई सबूत जब्त किए गए। अब तक, इस मामले में नकली बिलों के आधार पर 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की हेरा-फेरी के सबूत मिले हैं जिन्हें जब्त कर लिया गया है। तलाशी के दौरान कई ऐसे सबूत हाथ लगे हैं जिनसे पता चला है कि एंट्री ऑपरेटरों ने फर्जी बिल के आधार पर बेहिसाब धन की निकासी और असुरक्षित ऋण देने के लिए कई फर्जी कंपनियों के नाम का इस्तेमाल किया। इसमें ऐसे ऑपरेटरों, उनके नकली भागीदारों / कर्मचारियों के साथ-साथ लाभार्थियों के विवरण भी स्पष्ट रूप से दर्ज हैं। जिन लोगों के खिलाफ तलाशी की गई है उनके परिजनों और उनके करीबी कर्मचारियों के नाम पर कई बैंक खाते और लॉकर तथा फर्जी कंपनियां खोले जाने की जानकारी भी मिली है। ये सारे काम बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से किए गए हैं। इस फर्जी धंधे से लाभ उठाने वाले लोगों ने कई बड़े शहरों में रियल एस्टेट कारोबार में निवेश किया है और करोड़ों रुपये बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट किए हैं। तलाशी के दौरान 2.37 करोड़ रुपये नकद और 2.89 करोड़ रुपये मूल्य के जवाहरात बरामद हुए हैं। इसके साथ ही ऐसे 17 बैंक लॉकरों का भी पता चला है जिनका अभी तक इस्तेमाल नहीं किया गया है। आयकर विभाग इस मामले में आगे और जांच कर रहा है। |