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दीवाली पर अपने मन के विकार रूपी जाले व ईर्ष्या रुपी गंदगी को हटांए, ब्रह्माकुमारी ने दिया संदेश

Written by Vaarta Desk

(सुरेश चंद्र तिवारी)

परसपुर बाजार गोण्डा :- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय संस्था की शाखा परसपुर बाजार में पावन पर्व दीपावली के अवसर पर कार्य क्रम आयोजित किया गया , जिसमें दीपदान करते हुए ” दीवाली पर्व के अध्यात्मिक रहस्यों पर बी.के.अनामिका बहन ने प्रकाश डाला।

अपने उद्बोधन में सेवा केन्द्र प्रभारी ब्रम्हाकुमारी अनामिका बहन ने कहा कि दिवाली पर्व के पूर्व हम अपने अपने घरों – दुकानों के धूल – जाले आदि गंदगियों को साफ करके रंग – रोगन कराते हैं , तो हमें घरों – दुकानों को साफ करने के साथ – साथ अपने मन , बुद्धि में जमें जन्म जन्मांतर के विषय विकारों रूपी जाले – संशय ,ईर्ष्या, द्वेष ,घृणा रूपी गंदगी को परमात्मा शिव द्वारा प्राप्त सद् ज्ञान रूपी झाड़ू-पोछा से साफ करना चाहिए ,इस दिन व्यापारी बन्धु अपना पुराना बही खाता बन्द कर नया चालू करते हैं ; दरअसल यह हमारे जिन्दगी के पुराने करम बंधन रूपी कर्म खाता को समाप्त कर नया श्रेष्ठ कर्मों के सुखमय कार्मिक एकाउंट को खोलने का प्रतीक है।

एक दूसरे का मुंह मीठा कराना , मिठाई वितरण कराना ” मधुर और सुखदाई बोल बोलने का सूचक है।
दीवाली पर जुआ आदि खेलना अच्छा नहीं माना जाता है , परन्तु इसका भावार्थ यह है कि जब परमपिता परमात्मा शिव बाबा भारत की भूमि पर अवतरित होकर कलियुग को सतयुग बनाते हैं ” तो हमें अपनी तन मन धन , समय स्वांश शकंल्प को उनकी सेवा में अर्पित कर अनेक जन्मों के लिए हम अपना भाग्य बनाते हैं।

डाक्टर एस०के०सिंह जी ने दीपावली पर्व की शुभकामनाएं देते हुए सभी से कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम चंद्र जी के द्वारा चौदह साल वनवास खत्म करने के बाद अयोध्या आगमन पर उनके स्वागत् पर राज्य के समस्त घरों में दीपकों उत्सव मनाया गया था।

उक्त अवसर पर पंडित प्रताप नारायण मिश्र , जुगुल किशोर सोनी , राम धर तिवारी ,राम प्रताप सिंह, बी.के.शंकर भाई , बी.के.अनूप भाई जी, बी.के.सुनील भाई ,अनुशका बहन ,कशिश बहन, रिमझिम बहन, पूनम बहन ,नीलम माता ,उमा माता , सुशमा माता, मन्ना बहन, रमा माता ,जगत माता , ममता माता जी, बन्दना माता , आदि लोग उपस्थित रहे।

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