शिमला (हिमाचल प्रदेश)। प्रदेश में आरएडंपी नियमों के विपरीत भर्ती कराये जाने का आरोप लगाये जाने पर हाईकोर्ट द्वारा इन नियूक्तियों को रदद किये जाने का आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज इन सभी 2555 शिक्षकों को बडी राहत दी है।
बतातें चलें कि वर्ष 2012 से आरम्भ हुए एसएमसी शिक्षकों की भर्ती को लेकर कुलदीप कुमार और अन्य ने अरेंजमेंट के नाम पर की गयी इन भर्तियों को अनुचित बताते हुए हाईकोर्ट में यह आरोप लगाते हुए याचिका दी थी कि इन शिक्षकों की नियुक्ति इसलिए गैर कानूनी है कि इसमें सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों की अवहेलना की गयी है। यह भी कहा गया था कि इन एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति आरएडंपी नियमो ंके भी विपरीत है।
हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर विगत 14 अगस्त को आदेश पारित किया ििक इन नियुक्तियों को रदद किया जाये, जिस पर शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली जिसमें त्वीरित राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फेसले पर 8 अक्टूुबर को रोक लगा दी और आज इसी याचिका पर निर्णय देते हुए हाईकोर्ट का फेसला पलट दिया।
सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों की दलील थी कि वे विगत वर्ष 2012 से प्रदेश के दूरस्थ दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी परेशाानी के अपनी सेवायें दे रहे है, उनकी नियुक्ति सरकार ने नियमों के अधीन ही की है। यहं यह भी ध्यान देने योग्य है कि इस मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी इन एसएमसी शिक्षकों का ही साथ देते हुए अपनी ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी ओैर कहा था कि इन शिक्षकों को कहना पूरी तरह सही है ये प्रदेश के दूर दूरस्थ अेौर दूर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रूकावट के अपनी सेवाये देते आ रहे है। वर्तमान में कोरोना संकट भी चल रहा है इसलिए इनकी सेवायें जारी रखने की आवश्यकता है।