रायपुर (छत्तीसगढ)। राज्य की महिला आयोग की अध्यक्ष का एक चैकान वाला बयान आया है जिसमें उन्होनें बलात्कार पीडितो ंपर ही सवाल उठाते हुए उन्हें ही दोषी ठहरा दिया है। अध्यक्षा ने यह चैकान वाला बयान उस समय दिया जब वे रायपुर के प्रार्थना भवन में महिला उत्पीडन के मामलों की सुनवाई के बाद पत्रकारों से बात कर रही थी।
छत्तीसगढ की महिला आयोग की अध्यक्ष डा0 किरणमयी नायक ने यह कहकर ‘‘अधिकाशं मामलों में लडकियां लिव इन मे रहकर सबध बनाती है जब शादी नही होती या रिश्ता बिगड जाता हेै तो वे बलात्कार का केस दर्ज करा देती है’’ वहां माजूद लोगो को चैका दिया। इतना ही नही उन्होेनंें बलात्कार पीडित महिलाओं को नसीहत देते हुए यह भी कहा कि उन्हें किसी के साथ सम्बध बनाने से पहले सोच समझ लेना चाहिए, क्योकि ऐसे रिश्तो के परिणाम ज्यादातर बुरे ही होते है।
डा0 नायक ने इसके बाद भी अपना बयान जारी रखते हुए कहा कि हर एक की स्थिति अलग होती है, दुनिया फिल्मी कहानी की तरह नही होती हैं बच्चियों और महिलाओं को उनके अधिकार पता होने चाहिए। अगर लडकियां नाबालिग हैं तो वे प्यार मोहबबत के फिल्मी तरीकों से बचे और इनके चक्कर मे ंन आये। यह अपाका परिवार और घर व जिन्दगी तक बर्बाद कर सकता है।
हालाकिं उनके बयान को निष्पक्ष्ता से देखा जाये तो उन्होनें कुछ भी गलत नही कहा लेकिन सार्वजनिक मंच से इस तरह की बयानबाजी कही न कही बलात्कार के आरोपियों के प्रति उनकी सहानूभूति की तरह देखा जा रहा है जो प्रदेश ही नही पूरे भारत में ऐसे लोगों को प्रोत्साहित भी कर सकती है। इसलिए उन्हें ऐसे बयानो ंसे बचना चाहिए था।