पाकिस्तान के अत्याचारों से तंग आ किया था पलायन
कनाडा। पाकिस्तान में बलोचों पर हो रहे अत्याचारों की मुखर आवाज बन चुकी बलोच नेता करीमा बलोच का शव संिदग्ध हालत में देश के हार्बरफ्रंट में स्थित एक झील के पास पाया गया।
ज्ञात हो कि पाकिस्तान से करीमा ने वर्ष 2016 में पलायन किया था तब से वह अपने परिवार के साथ कनाडा के हार्बरफ्रंट में रह रही थी। पुलिस के संरक्षण मे ंरखे शव की पहचान करीमा के पति हम्मल हैदर और उनके भाई ने की। पाकिस्तान में अपनी जान का खतरा देखते हुए वे अपने दोस्तों की मदद से परिवार सहित कनाडा आ गयी थी।
पाकिस्तान में हो रहे बलोचों पर अत्याचारेां की मुखर आवाज बन कर उभरी करीमा ने वर्ष 2016 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना भाई बनाते हुए उनके लिए एक रिकार्ड किया हुआ रक्षाबंधन संदेश भेजा था। करीमा की मौत को बलोच आन्दोलन के लिए बडा झटका बताते हुए बलूच नेशनल मूवमेंट ने आगामी चालीस दिनों के लिए शोक की घोषणा की हैं। बलोच नेशनल मूवमेंट के प्रवक्ता ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा है कि करीमा की मौत के साथ हमने एक दूरदर्शी नेता और राष्ट्ीय प्रतीक खो दिया है। उनकी म्त्यू पर हमने अपने सभी क्षेत्रों के लिए जारी गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
पकिस्तान सेना की आखों की किरकिरी बनी करीमा ने सेना द्वारा किये जा रहे मानवाधिकार उल्लंघन के लिए संयुक्त राष्ट् में आवाज भी उठाई थी जिससे बाद से उनकी जान का पाकिस्तान मे ंखतरा बढता गया था। यहां यह भी बताना आवश्यक है कि करीमा केा वर्ष 2016 में बीबीसी ने विश्व की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं ें शामिल किया था।