मेरठ। आप सोंच भी नही सकते कि किसी विद्यालय को ही शराबखाना बना दिया जायेगा, परन्तु भारत की राजनीति कौन कौन से गुल खिला दे कहा नही जा सकता। कुछ ऐसा ही मामला जिले में सामने आया है जिसमें बन्द पडे महाविद्यालय को राजनेताओं ने अपनी पिपाशा पूरी करने का माध्यम बनाते हुए मदिरालय में तब्दील कर दिया।?
मामला जनपद के जानी थानाक्षेत्र के पेपला गांव का है जहां महेन्द्र प्रताप डिग्री कालेज स्ािापित है, किन्ही कारणों से यह विद्यालय पिछले तीन वर्षो से बन्द पडा है। बताया जाता है कि आगामी पंचायत चुनावों में भारी मात्रा में शराब की जरूरत को देखते हुए अराजम तत्वों ने विद्यालय को शराब फैक्ट्ी में तब्दील कर दिया। पुलिस को जानकारी होने पर मारे गये छापें में जहंा तीन आरोपी गिरफत मे ंआये वही मौके से 100 पेटी शराब के साथ भारी मात्रा में शराब से सम्बधित अन्य सामान बरामद किये गये।
ज्ञात हो कि पेपला गांव में स्थित महेन्द्र प्रताप डिग्री कालेज में बनाया जा रहे शराब के नकली होने का भी अंदेशा पुलिस को है। गुरूवार की रात मुखबिर की सूचना पर कंकरखेडा और जानी पुलिस की संयुक्त छापेमारी में विकास, भूरा और चैकीदार जाकिर को गिरफतार किया। खास बात तो यह है कि इस गिरफतारी में वह व्यक्ति भी शामिल है जिस पर विद्यालय की चैकीदारी की जिम्मेदारी थी। पुलिस को इस छापेमारी मेें 100 पेटी तैयार शराब के साथ मुजफफर नगर के मंसूरपुर में स्ािापित डिस्टलरी के नाम का हजारों की संख्या में रैपर, 30 हजार के लगभग पौव्वे, पांच हजार लीटर तैयार किया जा रहा शराब का घोल बरामद हुआ हैं।
पुलिस ने बताया कि यहां नकली शराब बनाने का कारखाना काफी समय से चल रहा था इसके लिए सामान की आपूति परीक्षित गढ और हस्तिनापुर खादर क्षेत्र से किया जा रहा था। उनहोनें यह भी बताया कि इस शराब फैक्ट्ी का संचालन आगामी पंचायत चुनाव में शराब की भारी मात्रा मे बढने वाली खपत को लेकर किया जा रहा था। उन्होनें यह भी बताया कि पिछले दो माह से शराब की मांग बढ गयी थी। उन्होनें यह भी बताया कि गिरफतार लोगांें से की गयी पूछताछ मे ंजानकारी मिली है कि फैक्ट्ी में एक दर्जन से भी ज्यादा लोग काम करते थे उनकी भी गिरफतारी की जायेगीं।