आगामी दो वर्षो के लिए संयुक्त राष्ट् सुरक्षा परिषद में एक जनवरी 2021 से भारत का आठवा कार्यकाल आरम्भ हो गया, इस अन्र्तराष्ट्ीय संस्था मे भारत के अस्थायी रूप् से शामिल होने का स्वागत करते हुए फ्रंास ने भारत को स्थायी सदस्यता दिये जाने की मांग भी उठाई है।
भारत में फ्रंास के राजदूत इमैनूएल लेनिन ने इस अवसर पर कहा कि हम अन्र्तराष्ट्ीय कानून को बनाये रखने,आतंकवाद से लडने और बहुपक्षवाद का बचाव करने के लिए कंधे से कधा मिलाकर काम करने के लिए उत्सुूक हैं। लेकिन इसकके लिए हमें यूएनएससी मे ंसुधार की जरूरत है जिससे भारत को स्थायी सदस्यता मिल सके।
संयुक्त राष्ट् सुरक्षा परिषद में आठवी बार एक अस्थायी सदस्य के तौर पर शामिल हो रहे भारत का कार्यकाल आगामी दो वर्षो के लिए रहेगा। यहां यह भी बताना आवश्यक है कि संयु क्त राष्ट् सुरक्षा परिषद में स्थायी तौर पर पांच देश सदस्य होते है तथा अस्थायी सदस्य देशों की सख्यां 10 होती है जिनका कार्यकाल दो वर्षो का होता है। आठवी बार यह जिम्मेदारी मिलने पर यूएन में भारत के स्थायी राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने कहा कि भारत का जोर बहुपक्ष वाद पर रहेगा, उन्होनें कहा कि विश्व के सबसे बडे लोकतत्रं होने के नाते हम लोकतंत्र, मानवाधिकार, और विका जैसे बुनियादी मुददों को बढावा देेगें, उन्होनें कहा कि भरत का संदेश होगा कि हम एकीकृत ढाचें मे ंविविधता को किस तरह बढावा दे सकते हैं जो कि सयुक्त राष्ट् में कई तरीको से प्रतिबिबित होता है।
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