लखनउ। टोल प्लाजा पर भीड को कम करने, यात्रियों की यात्रा का सुगम बनाने की नीयत से लागूे की गयी फास्टैग की व्यवस्था को पूरी तरह से लागू करने की योजना केा सरकार ने फिलहाल विराम दे दिया है। 1 जनवरी को इसे पूरी तरह से अनिवार्य करने की पूर्व घोषणा को सरकार ने आगामी 15 फरवरी तक टाल दिया है।
माना जा रहा है कि यह समयसीमा बढाने के पीछे टोल प्लाजा पर आनलाइन व्यवस्था को पूरे न हो पाने का कारण है। सूत्रों की माने तो अभी भी टोल प्लाजा पर लगभग 40 प्रतिशत टैक्स नगदी के रूप में ही आता है। इतना ही नही नेटवर्क की समस्या के साथ साथ सीसीटीवी कैमरों की भी मात्रा प्रर्याप्त न होना एक बडा कारण हैं। कई टोल प्लाजा पर लगे कैमरे तो फास्टैग को अच्छी तरह से स्कैन भी नही कर पा रहे है जिससे फास्टैग की अवधारणा ही पूरी नही हो पा रही है।
फास्टैग की अनिवार्यता की समय सीमा को आगे बढाने का प्रमुख कारण यही बताया जा रहा है जिसे अब सरकार ने आगामी 15 फरवरी तक के लिए टाल दिया है। देखना तो यह है कि क्या सरकार इस समय सीमा मे ंअपनी तैयारियों को अतिंम रूप् दे पाती है या फिर समय को और आगे बढाती है।
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