बोकारों (झारखड)। 21वीं सदी के आधुनिक युग में किसी महिला को मात्र इसलिए पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया जाये क्योकि उसके विरूद्व डायन होने का दुष्प्रचार किया जा रहा हों, अपने आप में चैकाने वाला और हैरतअंगेज कृत्य हैं। लेकिन यह हुआ है और इसी शक में एक 60 वर्षीय महिला को लोगो ने मौत की नींद सुला दी है।
मामला जिले के बेरमो अनुमंडल अन्र्तगत तेननूघाट ओपी थाना के उलगडा पंचायत के बागुरी टोला का है जहां डायन के शक के 60 वर्षी महिला रूक्मणी देवी को गांव के ही लोगों ने पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया। अगले दिन जब रूक्मणी देवी का शव कोइरी खेत नाला के जंगल में मिला तब उनके परिजनों को इस कांड की जानकारी मिली।
घटना पर बुरी तरह आक्रोशित रूक्मणी देवी के बेटे करमचंद मांझी ने जहां पुलिस में शिकातय दर्ज कराते हुए बताया है गांव के ही कुछ लोगो ने उसकी मां को डायन बताते हुए मार डाला है। करमचन्द ने गांव के ही 11 युवकों को हत्या के लिए जिम्मेदार बताते हएु उनके खिलाफ नामजद तहरीर दी है। वही मामले की जानकारी होने पर तेनुघाट प्रभारी के के चैधरी ने मौके पर पहुच कर शव को कब्जे मे ंलेते हुए उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए सभी नामजद आरोपियो को हिरासत में ले उनके पूछताछ आरम्भ कर दी है।
पुलिस की प्राथमिक जाचं मे जो खुलासा हो रहा है उसके मुताबिक रूक्मणी देवी और घटना के मुख्य आरोपी सुधीर के बीच विवाद काफी समय स ेचल रहा था, सुूधीर इससे पहले भी कई बार रूक्मणी पर डायन होने का आरोप लगा चुका है इतना ही नही वह रूक्मणी से कई बार इसी आरोप को लेकर मारपीट भी कर चुका था।
हैरान करने वाली बात तो यह है कि आधुनिक युग में इस तरह किसी महिला केा इसलिए मार डाला जाये की उस पर डायन होने का शक है कही न कहीं हमारी सभ्यता और संस्क्ति पर तो प्रश्नचिन्ह लगाता ही है हमारी प्रगति पर भी सवालिया निशान खडा करता है।