लश्कर के लेटर हेड का प्रयोग कर देते थे वसूली को अंजाम
खुलासे से खडे होते हैं कई सवाल
कश्मीर। आतंकी संगठनों के नाम का प्रयोग कर अवैध वसूली का मामला सामने आया है जो इस बात को दर्शाता है कि कश्मीर के लोगों में इन आतंकी संगठनों का कितना खौफ है या फिर वे आतंकी संगठनों को आम तौर पर पैसे से मदद करते रहते है।
उत्तरी कश्मीर के सोपोर इलाकें से पुलिस ने ऐसे लोगों को गिरफतार किया है जो लश्कर ए तोयबा के नाम से फर्जी तरीके से वसूली करते थे, पुलिस ने इस मामले मंें एक ड्ाइवर मोहम्मद रेशी, इमाम मुमताज अहमद वार और राजमिस्त्री अब्दुल कयूम गनई को गिरफतार करते हुए उनके पास से लश्कर के पोस्टर तथा स्टांप बरामद किये हेैं।
पुलिस को इस बात की शिकायत मिली थी कि उनसे लश्कर के नाम पर पैसे की मांग की गयी है शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उससे कहा गया है कि संगठन को विभिन्न गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पैसे की जरूरत है जिसके लिए तत्काल पचास हजार रूप्ये दिये जाये। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जाचं आरम्भ कर दी है।
वही गिरफतार लोगों से पूछताछ मे ंउनहोनंे बताया कि वे पहले ऐसे लोगांें का चुनाव करते है जो आसानी से पैसा दे सकते हैं इसके बाद उन्हें वे लश्कर के लेटर हेड पर पत्र लिखकर उसे बच्चों को हाथ से भेजते है। इस तरह की वसूली वे सोपोर के कई क्षेत्रों से करते है।
जहां कश्मीर पुलिस का यह खुलासा और गिरफतारी एक तरफ आतंकवाद के नाम पर वसूली के गिरोह का भंडाफोड करता है वही दूसरी ओर इस बात का भी खुलासा करता हेै कि कश्मीर के आम लोग आतंकवाद को फंडिग करते है तभी इस तरह के फंडिग के आड मे ंफर्जी वसूली को अंजाम देने का खेल खेला गया।