पीडित ने सीएम पोर्टल पर दर्ज करायी शिकायत,
चिकित्साधीक्षक ने किया आरोपो से इन्कार
बेलसर गोण्डा। समाज के अति निचले वर्ग को स्वास्थ्य सुविधाए निर्बाध रूप् से मिलती रहे इस उददेश्य को लेकर योगी सरकार प्रतिवर्ष करोडों रूप्ये स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यय करती है। परन्तु उनके इस मशंा पर उनके ही द्वारा लाखों रूप्ये का वेतन पाने वाले उनके ही कर्मचारी कुठाराधात लगाते दिख रहे है। इन अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा छोटी मोटी लापरवाही तो आम हो चुकी है लेकिन किसी सीएचसी पर ताला ही लगा दिया जाये और लोगों को आपातकालीन चिक्तिसा से महरूम होना पडे ऐसा कभी देखा नही गया।
कुछ इसी तरह का मामला जनपद के सीएचसी बेलसर पर विगत गुरूवार को दिखाई दिया जब क्षेत्र के मुुनीश चन्द मिश्र के पाचं वर्षीय बेटे को कुत्ते द्वारा काटने पर जब वे अपने बेटे के साथ सीएचसी बेलसर पहुंचे तो वहा पर सीएचसी का मुख्य गेट तो खुला मिला लेकिन सीएचसी के सभी कक्ष बन्द मिले। कक्ष बन्द होने के साथ उन पर ताला भी लटक रहा था। मुनीश ने बताया कि इसके बाद वह सीएचसी प्रभारी के आवास डा0 मेराज अहमद के आवास पर भी गया जहंा उसने लगभग पांच मिनट तक आवाज दी लेकिन वहां भी कोई पुरसाहाल नही मिला।
मुनीशचन्द मिश्र ने बताया कि वहां और भी कई लोग थे जो अपने चिक्तिसा के लिए सीएचसी आये हुए थे परन्तु वहां किसी के न होने से वो भी निराश होकर चले गयें। मुनीश ने भी अपने बेटे की कोई चिकित्सा न होते देख निजी चिकित्सक के बेटे की मरहम पटटी और इन्जेक्शन लगवाकर गोण्डा जिला अस्पताल पहुचें जहां उनके बेटे को एन्टी रैबीज का इन्जेक्शन लग सका।
वही मामले पर जब सीएचसी प्रभारी डा0 मेराज अहमद से जानकारी चाही गयी तो उन्होंने सिरे से सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि चार बजे तक ओपीडी होती है उसके बाद इमरजेन्सी मरीजों को देखा जाता है, गुरूवार को भी सामन्य दिनो ंकी तरह ही कार्य हुआ है। हैरानी तो उनके इस बात से हयी जिसमें उन्होनें शिकायतकर्ता के बेटे के इन्जेक्शन ओैर मरहम पटटी होने के सीएचसी मे ंहोना ही बताया। उन्होेनें कहा कि शिकायत कर्ता के बेटे की मरहम पटटी और टिटवैक का इन्जेक्शन सीएचसी में ही दिया गया है जिसकी यहां के रजिस्टर में इन्ट्ी भी है।
परन्तु जब उनसे यह कहा गया कि ठीक है शिकायतकर्ता के बेटे की चिकित्सा की इन्टी् की फोटो खीच कर भेज दीजिये, जिस पर उन्होनें फोटो भेजने की बात तो कही परन्तु भेजी नही। जो इस बात को प्रमाणित करती है कि डा0 मेराज अहमद खुला और सफेद झूठ बोल रहे है।