गोण्डा ! जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने जिले के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में अनियमित, नियम विरूद्ध, फर्जी रूप से की गई नियुक्ति के सन्बन्ध में निर्धारित टर्न ऑफ रिफरेन्सेस के आधार पर नियुक्तियों के सम्बन्ध में जांच कराकर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश बीएसए को दिये हैं।
जिलाधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि अभिलेखों के सत्यापन व जांच के सम्बन्ध में जिन शिक्षकों के अभिलेख प्रथमदृष्टया संदिग्ध पाये जाते हैं, उनके अभिलेखों तथा जिलेें नवनियुक्त शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अंशकालिक अनुदेशकों के शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन में होने वाले समस्त व्यय जैसे अंकपत्र एवं प्रमाण पत्र के ऑफलाइन सत्यापन हेतु विश्वविद्यालय, संस्थान द्वारा निर्धारित शुल्क, डाक व्यय, स्टेशनरी आदि का भुगतान डी0पीओ के अन्तर्गत कंटीजेन्सी मद से जनपद के प्रति विकासखण्ड अधिकतम पचास हजार मात्र की सीमा तक कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि यदि जनपद के किसी विकासखण्ड स्तर पर निर्धारित अधिकतम व्यय सीमा से अधिक का खर्च आगणित होता है, तो जनपद के अन्य विकासखण्ड जहाँ से सत्यापन के अन्तर्गत धनराशि की बचत हो रही हो, उक्त धनराशि का समायोजन किया जाना अनुमन्य होगा। उपर्युक्त के अनुसार शिक्षकों ध् शिक्षामित्रों ध् अंशकालिक अनुदेशकों के शैक्षिक अभिलेख सत्यापन में होने वाला व्यय पीईएचएस प्रणाली के माध्यम से ही किया जायेगा तथा व्यय की सूचना प्रबन्ध पीएमएस पर अपलोड करना सुनिश्चित कराएंगे।