किसान आन्दोलन पर सचिन ने किया था विदेशी टिप्पणियों का विरोध
पटना (बिहार)। किसान आन्दोलन के लेकर देश के बाहर के लोगो ंद्वारा की गयी टिप्पणियों पर अपना विरोध व्यक्त करते हुए टिप्पणी की थी, सचिन के इस विरोध पर भडके राजद नेता ने उनको दिये गये भारत रत्न के सम्मान पर ही प्रश्चचिन्ह खडा करते हुए कह दिया कि उन्हें यह सम्मान नही दिया जाना चाहिए।
ज्ञात हो कि किसान आन्दोलन का समर्थन करते हुए हाल ही में विदेश की कुछ हस्तियों ने आन्दोलन को समर्थन देते हुए टवीट किय जिनसे एक बडा विवाद खडा हो गया है। इन्ही टवीट का विरोध तथा सरकार का सर्मथन करते हुए सचिन तेंदुलकर ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की सम्प्रभुता से समझौता नही किया जा सकता। विदेशी ताकते दर्शक हो सकती है लेकिन प्रतिभागी नही। भारत को भारतीय ही जानते हैं और वे ही भारत के लिए फैसला ले सकते हैं, देश के रूपम े ंएकजुट होने की जरूरत है।
सचिन के इस बयान से बुरी तरह बौखलाये राष्ट्ीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्ीय उपाध्यक्ष शिवानन्द तिवारी ने सचिन को भारत रत्न दिये जाने पर ही सवालिया निशान लगाते हुए बयान दिया कि सचिन को भारत रत्न देने का फैसला सही नही था। उन्होनंें यह भी कहा कि इतना बडा सम्मान पाने वाले लोग अलग अलग ब्रांड के लिए प्रचार करते हैं इससे भारत रत्न जैसे सम्मान का अपमान होता है। यहां यह भी बताना आवश्यक हेै कि जब सचिन को इस सम्मान के लिए चुना गया ता तब भी शिवानन्द ने सवाल उठाये थे।
हालांकि श्री तिवारी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते तथा एक तरह से उनका बचाव करते हुए उनके पार्टी के प्रवक्ता म्त्यूंजय तिवारी ने कहा कि सचिन को खेल के क्षेत्र में बेहतर प्रदशन करने के लिए यह सम्मान दिया गया था। यह आवश्यष्क नही कि उन्हें हर क्षेत्र में उतनी ही समझ हो।