लखनउ। निंष्का्रतं जमीन पर अवैध कब्जा कर उसका व्यावसायिक प्रयोग करने के मामलें में दर्ज एफआईआर के बाद फरार चल रहे माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे लखनउ पुलिस के हत्थे चढ गये है। पुलिस ने उनसे पूछताछ कर रही है।
राजधानी के डालीगंज में अवैध प्रपत्रो के सहारे जमीन पर कब्जा कर उन पर व्यावसायिक टावर खडा करने के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटों अब्बास अंसारी और उमर असंारी के विरूद्व मुकदमा वर्ष 2020 के अगस्त माह मे दर्ज किया गया था। बताया जाता है कि जिस जमीन पर मुख्तार के बेटो ने टावर का निर्माण कराया था वह जमीन मो0 वसीम नाम के शख्स की थी जो पाकिस्तान चला गया था।
वसीम के पाकिस्तान चले जाने के बाद उसकी वह जमीन निष्कंा्रत दर्ज कर दी गयी थी लेकिन पैसे के बल पर कूटरचित कागजात तैयार कर उमर और अब्बास ने उस जमीन पर अपना कब्जा दिखाते हुए टावर खडा कर दिया था। मामला प्रकाश में आने के बाद की गयी जांच मे ंलेखपाल सुरजन लाल ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि जमीन वसीम की थी जो पािकस्तान जा चुका है और जमीन को निष्का्रत भी घोषित किया जा चुका है।
लेखपाल की ही तहरीर पर पुलिस ने इन दोनो ंके विरूद्व मामला दर्ज किया था, मामला दर्ज होने के बाद से ही दोनों फरार हो गये थे जिन पर पुलिस ने 25-25 हजार रूप्ये का ईनाम भी दर्ज किया थां। ईनाम घोषित करने के बाद भी पुलिस ने इन दोनों को गिरफतार करने के कोई खास प्रयास नही किये मामला तब उठा जब मुख्तार अंसारी के बडे बेटे अंब्बास अंसारी द्वारा राजस्थान में शादी समारोह आयोजित किये जाने की खबरे आयी और उसके बाद पूर्व विधायक कृष्णानन्द राय की पत्नी अलका राय ने प्रियंका गाधी को चिटठी लिखकर मुख्तार अंसारी और उनके बेटो को संरक्षण देने का आरोप लगाया।
फिलहाल बताया जा रहा है कि अवैध कब्जा मामले में लखनउ की हजरजगंज पुलिस उनके पुूछताक्ष कर रही है लेकिन न्याायालय से अरेस्ट स्टे ले चुके इन दोनों सेे पुलिस केवल पूछताछ ही कर सकती है गिरफतार नही।