हवाला के पैसो के पंचायत चुनावों में खपाने के लगाये जा रहे प्रयास, आरपीएफ जीआरपी ने किया मामले को दबाने का प्रयास
कानपुर। जीआरपी ओैर आरपीएफ को टे्न की एक बोगी से नोटो की गडिडयों से भरा बैग मिला जिन्हे लगभग डेढ करोड रूप्ये बताया जा रहा है। लेकिन मामले को उजागर न कर आरपीएफ ओर जीआरपी ने दबाने का प्रयास करते हुए पुरे दिन मामले का छिपाये रखा। संभावना जताई जा रही है कि नोटो का प्रयोग आगामी पंचायत चुनावों में किया जाने वाला था और यह रकम हवाला का भी हो सकता है।
मामला सोमवार की देर रात कानपुर सेंट्ल पर आने वाली नयी दिल्ली बिहार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस से जुडा है। बताया जा रहा हे िकइस टे्न के पैन्ट्ी कार में एक बैग मिला जिसमें दो हजार और पांच सौ की कई गडिडयां भरी हुयी थी, अंदाजा लगाया जा रहा है कि रकम लगभग डेढ करोड हो सकती है। नोटो से भरे बैग की जानकारी आरपीएफ और जीआरपी को पैन्ट्ी कार के कर्मचारियों ने दी।
खास बात तो यह रही कि सोमवार की देर रात लगभग सवा दो बजे मिले इस बैग की जानकारी जीआरपी ओर आरपीएफ मंगलवार को पूरे दिन दबाये रही, मंगलवार की रात सीपीआरओ उत्तर मध्य रेलवे अजीत कुमार सिंह ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि नोटो से भरा बैग मिला है और वह अभी भी जीआरपी की कस्टडी में ही है। उन्होनें यह भी बताया कि अभी नोटो की गिनती नही की गयी है लेकिन अंदाज लगाया जा रहा है कि लगभग डेढ करोड रूप्ये हो सकते हैं। भारी संख्या मे ंरूप्ये मिलने की जानकारी आयकर विभाग को भी दी जा चुकी है।
व्ही आरपीएफ प्रभारी राममोहन राय का कहना है कि बैग को बुधवार को आयकर विभाग को सौंप दिया जायेगा। उन्होनें यह भी बताया कि बैग किसका है इसकी जानकारी आसानी से हो जायेगी क्योकि सभी सीटे आरक्षित होती है, सभी सात्रियों का रिकार्ड संुरक्षित होता है। वही रेलवे इस बात से भी इंकार नही कर रहा है कि संभव है नोट हवाला के जरिये मंगाये गये हो और उन्हें पंचायत चुनावों मे ंखपाने का इरादा हो। लेकिन सवाल यह उठता है कि नोटो से भरा बैग किसी का भी हो आखिर वह उसे पेन्ट्ी कार में छोड कर क्यो गया।
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