इंसान की कुंडली में ग्रहों की सही दशा बहुत महत्वपूर्ण होती है। कहा जाता है जिनकी कुंडली में ग्रह सही स्थिति में होते हैं वे रंक से राजा बन जाते हैं और जिनकी कुंडली में ग्रह महादशा में होते है उनको जीवन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बृहस्पति – जिन लोगों की कुडंली में बृहस्पति नीच होता है उनको जीवन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इंसान की कुंडली में बृहस्पति की दशा अन्य ग्रह की तुलना में अधिक महत्व रखती है। यह ग्रह भाग्य का कारक होता है। यह ग्रह व्यक्ति को जीवन में सफल बनाता है और इसके अशुभ प्रभाव से उस व्यक्ति का जल्दी विनाश होता है।
चन्द्र – कुंडली में चंद्रमा का कमजोर होना अशुभ माना जाता है। कहा जाता है जिनकी कुंडली में शुक्र, राहु या केतु के साथ हो, साथ में लग्नेश और चंद्र कमजोर स्थिति मे हो तब इंसान नशे का शिकार हो जाता है। इस प्रभाव के कारण इंसान शराब का अधिक सेवन करने लगता है। जिसके कारण परिवार से सुख-शांति खत्म हो जाती है।
नशे के लिये राहु-केतु की भूमिका-
राहु का प्रभाव दैत्य के समान हैं। जन्म कुंडली में राहु का अत्यधिक बलवान होना नशे की और व्यक्ति का रुझान दर्शाता हैं। जितनी भी बुरी लत हैं, उनका कारक राहु ही हैं। राहु यदि जन्म कुंडली के 1,2,7 तथा 12वें स्थान में स्थित हो तो जातक नशा करने वाला होता हैं। राहु का सबसे अधिक प्रभाव दूसरे स्थान पर होने से पडता हैं। राहु के द्वारा प्रदत नशों में धुम्रपान प्रथम नम्बर पर है।
शनि – जिन लोगों की कुंडली के लग्न भाव में शनि होता है वह व्यक्ति अधिक नशा करने लग जाता है। वह व्यक्ति अपने परिवार को भूलकर नशे का आदि बन जाता है। घर में क्लेश होने लगता है।
सूर्य – जिन लोगों की कुंडली में सूर्य सही दशा में नहीं होता है वे लोग नशे की दुनिया में पूरी तरह डूब जाते हैं। ऐसे व्यक्ति नशे के आदी हो जाते हैं और नशे में अपना सब कुछ खत्म कर देते हैं।
शुक्र व मंगल ऐसे ही बना देते हैं शराबी…
मंगल का प्रभाव लग्न पर हो तो जातक नशे के साथ साथ मांस या अभक्ष्य भोजन का प्रयोग करता हैं। यें देखा देखी व प्रभाव जमाने के लिये नशे की शुरुआत करते हैं। ऐसे व्यक्ति नशे में दंगा या लडाई झगडा करते हैं। शुक्र ग्रह के प्रभाव वाले जातक भोग व आनन्द के लिये नशे की शुरुआत करते हैं।
पितृ दोष – जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है उनके परिवार में रोजाना कलह होती है और व्यक्ति नशे का आदी हो जाता है। ऐसे घर में मां लक्ष्मी की कृपा नहीं रहती है।
ज्योतिष सेवा केन्द्र
संस्थापक
पंडित अतुल शास्त्री
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