अयोध्या। पिछले 28 वर्षो से लावारिस लाशों का अतिंम संस्कार कर रहे और वर्तमान मे ंदिल की गम्भीर बीमारी से जूझ रहे शरीफ चाचा को जल्द ही प्रधानमत्रंी कार्यालय से मदद मिलनी शुरू हो जायेगी। उन्हें इस बात का आश्वासन प्रधानमंत्री मोदी की ओर से मिल गया है।
बताते ंचलें विगत 28 वर्ष पूर्व उनके बेटे का निधन एक हादसे में हो गया था जिसका अतिंत संस्कार पुलिस ने लावारिस समझ कर कर दिया था। तभी से शरीफ चाचा ने लावारिस लाशों का अतिंम संस्कार करने का बीडा उठा लिया था और उसे आज तक निभाते आ रहे हैं। भारत सरकार ने उनके इस सामाजिका और मानवीय कार्य के आधार पर उन्हें प़द्यश्री से सम्मानित करने का निर्णय लिया था लेकिन कोरोना के चलते उन्हे अब तक यह सम्मान नही मिल सका है।
बताते ंचलें कि शरीफ चाचा इस समय गम्भीर दिल की बीमारी से पीडित है उनहें डाक्टरो ंने लखनउ रिफर कर दिया था लेकिन फिलहाल परिजन उन्हें लेकर वापस अयोध्या आ गये है। बताया जा रहा है कि उन्हें अयोध्या के ही किसी निजी अस्पताल मे ंभर्ती कराया जायेगा जहंा उनका बेहतर इलाज हो सके।
भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी डा0 रजनीश ने प्रधानमत्री कार्यालय केा फोन कर शरीफ चाचा के बारे मे जानकारी दी थी। डा0 रजनीश ने बताया कि प्रधानमत्री कार्यालय से इस बात का आश्वासन मिल गया है कि जल्द ही उन्हें पूरी मदद के साथ घर और पेशन की व्यवस्था भी की जायेगी।
शरीफ चाचा के साथ खास बात यह है कि उन्होनें अब तक जितने भी लावारिस लाषों को अतिंम संस्कार किया है वह मृत व्यक्ति के धर्म के अनुसार ही किया है। केन्द्र की मोदी सरकार ने उनके इस अति मानवीय कार्य के लिए ही उन्हें वर्ष 2019 में ही पद्यश्री देने का निर्णय लिया था लेकिन वर्ष 2020 के पूरे कार्यकाल के कोरोना के भेंट चढ जाने के कारण उन्हें इस सम्मान से सम्मानित नही किया जा सका था।
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