वाहन को ठोकर मारने पर एसआई द्वारा किये गये चालान से भडके थे भाजपा जिलाध्यक्ष
गोण्डा। सत्ता का नशा किस कदर हावी हो जाता है इसका उदाहरण बुधवार की शाम को हुयी इस घटना से पता चलता है जिसमंें पुलिसकर्मी के वाहन को पहले तो जिलाध्यक्ष की गाडी द्वारा ठोकर मारा जाता है फिर जब पुलिसकर्मी जिलाध्यक्ष के वाहन का चालान करता है तो उसे पटक कर मारने की धमकी दी जाती है। हैरानी तो इस बात की हुयी कि पुलिस द्वारा कार्यवाही किये जाने से बौखलाये जिलाध्यक्ष ने थाने पर धरना प्रर्दशन करते हुए स्वयं ही पुलिस कर्मी के निलम्बन की भी घोषणा कर दी।
घटना बुधवार की शाम की है जब रामलीला मैदान के सामने स्थित साई मन्दिर के पास भाजपा जिलाध्यक्ष सूर्यनारायण तिवारी के वाहन ने कोतवाली देहात मे ंतैनात उपनिरीक्षक अनुज कुमार गुप्त के मोटर साइकिल को जबरदस्त टक्कर मार दी जिसमें अनुज अपनी गाडी सहित सडक पर गिर पडे। इस पर जब उन्होनें विरोध किया तो जिलाध्यक्ष अपने भाजपा का जिलाध्यक्ष होने का हनक दिखाते हुए एसआई पर रौब दिखाने लगे। इस बीच एसआई ने अपना काम करते हुए जिलाध्यक्ष के वाहन का चालान काट दिया।
भाजपा जिलाध्यक्ष अपने वाहन का चालान कटते तथा एसआई अनुज पर अपना कोई प्रभाव न पडता देख और भी भडक उठे और उन्हें पटक कर मारने की धमकी देने लगे। एसआई ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाया और कोतवाली देहात चले आये। इसी बीच जिलाध्यक्ष भी अपने दल बल के साथ कोतवाली देहात आ धमके और अनुज से हाथापाई करने लगे। कोतवाली परिसर में हंगामा देख वहां काम कर रहे एक और एसआइ्र्र घीसूराम वहां पहुचें और बीचबचाव करने की कोशिश की जिस पर बुरी तरह से भडके जिलाध्यक्ष के साथ आये कार्यकर्ताओ ने उन्हें भी मारने की कोशिश की।
हैरानी तो इस बात की रही कि काफी देर तक चले इस हगामे के बाद मौके पर पहुचें पत्रकारो से बात करते हुए जिलाध्यक्ष भाजपा सूर्यनारायण तिवारी ने दोनों एसआई के विरूद्व एफआईआर लिखे जाने की बात तथा उन्हें निलम्बित किये जाने की स्वयं ही घोषणा कर दी जबकि यह सारी कार्यवाही करने का अधिकार पुलिस के उच्चाधिकारियो का है और वास्तविकता तो यह रही कि गुरूवार की शाम को खबर लिखे जाने तक न तो पुलिसकर्मियों पर एफआईआर ही लिखी गयी थी और न ही उन्हें निलम्बित किया गया था।
जिलाध्यक्ष सूर्यनरायण तिवारी का यह बडबोलापर इस बात का प्रमाण है कि उनके लिए न तो कानून कोई मायने रखता है और न ही पुलिस विभाग, तभी तो उन्होनें पुलिसकर्मी के गाडी को ठोकर मारने के बाद उससे क्षमा न मांगते हुए पहले तो उससे हाथापाई की फिर वाहन का चालान कटने पर उसे पटक कर मारने की धमकी भी दी। इतना ही नही पुलिस उच्चधिकारियो ंका भी काम स्वयं करते हुए बिना जाचं हुए दोषी मानते हुए दोनो पुलिस कम्र्रियो ंके खिलाफ एफआईआर लिखे जाने की बात कहते हुए उन्हे ंनिलम्बित भी कर दिया।
यहां एक बात ओैर भी ध्यान देने वाली यह है कि लगभग एक माह पूर्व भी जिलाध्यक्ष सूर्यनारायण तिवारी ने अपनी ही पुलिस के विरूद्व उस समय मोर्चा खोला था जब एक युवक को सदिग्ध मान सिविल लाइन पुलिस ने अपनी हिरासत मे ंलिया था और उसकी पैरवी करते हुए जिलाध्यक्ष चैकी पर धरना देने पहुच गये थे।
वहीं जब मौजूदा प्रकरण पर भाजपा जिलाध्यक्ष श्री तिवारी से उनका पक्ष जानने की कोशिश में उनके दूरभाष पर सम्पर्क किया गया तो उनका नम्बर व्यस्त बताता रहा!
फिलहाल अब देखना यह है कि पुुलिस के साथ अभद्रता करने वाले जिलाध्यक्ष पर पार्टी कोई कार्यवाही करती है या फिर कार्यकर्ताओं को खुश रखने के लिए पुलिस के आलाअधिकारी निर्दोश पुलिसकर्मियो को बलि का बकरा बनाते हैं। यह आने वाला समय सामने लायेगा जिसका इन्तजार रहेगा।