सीएमओ रो रहे ने मजिस्ट्रेटियल पावर न होने का रोना
गोंडा। जनपद में स्वास्थ्य विभाग एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी के संज्ञान में अवैध रूप से संचालित वजीरगंज में यूपी पैथालाॅजी एवं आरडी पैथालाॅजी, कटरा बाजार में गोण्डा मार्ग पर न्यू लाइफ हास्पिटल एवं मैटरनिटी सेण्टर उसके अपोजिट नेशनल पालीक्लीनिक हास्पिटल एवं पहाड़ापुर में वारसी हास्पिटल, विकासखण्ड मुजेहना क्षेत्रान्र्तगत अलावल देवरिया में जीवन-ज्योति पालीक्लीनिक, शिवा पैथालाॅजी एवं इटियाथोक में सुप्रिया पालीक्लीनिक एवं पीएचसी के बगल एक अवैध पैथालाॅजी धड़ल्ले से चल रही है।
बार-बार मीडिया में खबरें प्रकाशित होने के बावजूद सीएमओ एवं स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की कृपा से सभी अवैध पालीक्लीनिक हास्पिटल एवं पैथालाॅजी जस के तस चल रहे हैं। प्रकाशित खबर के बाद मात्र नेशनल पालीक्लीनिक हास्पिटल ने पूर्व में लगा अपना बोर्ड बदलकर डा0 अजीम क्लीनिक कर दिया है जबकि वहां काम पालीक्लीनिक एवं हास्पिटल का ही हो रहा है।
खबर का संज्ञान लेकर जिला अधिकारी मार्कण्डेय शाही ने एक बार फिर समाचार-पत्र की कतरन लगाकर जांच सीएमओ डा0 अजय सिंह गौतम को 22 फरवरी को भेजा परन्तु सीएमओ तो पूर्व की भांति पुनः अपनी लाचारी प्रकट करने लगे। सर्वप्रथम तो फोन पर कोई बयान न देकर सीएमओ ने कहा कि लिख दो मै आफिस में नही हूं कार्यवाही की जानकारी नही है
परन्तु जब दो दिन ढूढ़ने के बाद बुधवार को सीएमओ साहब डा0 अजय सिंह गौतम अपने चैम्बर में मिले तो उन्होने प्रकरण पर बात करने पर फिर से मजिस्ट्रेटियल पावर न होने का राग अलापना शुरू कर दिया और कहा कि मैने आदेश कर दिया है कि सभी सीएचसी अधीक्षक एसडीएम व सीओ के साथ सामंजस्य स्थापित करके अवैध पैथालाॅजी एवं पालीक्लीनिक हास्पिटल की जांच करें।
जब हमारे संवाददाता ने कहा कि आदेश की प्रति हमें दिखवा दें ताकि हम अपडेट खबर लगा सकें। तो सीएमओ ने पहले प्रशासनिक अधिकारी दिलीप प्रदीप सिंह को बुलाया और फिर आदेश की प्रति सुशील मिश्रा अधिसंख्य के पास होना बताया गया, तत्पश्चात् सुशील मिश्रा को भी बुलवाया परन्तु वो नही आये।
हमारे संवाददाता के उनसे मिलने पर उन्होने बताया कि उन्हे लूज मोशन है आधे घण्टे बाद हम आदेश की प्रति मंगवा देंगे और किसी को भेजकर आदेश की प्रति की फोटो खिंचवा लीजिए, साथ ही श्री मिश्र ने यह भी बताया कि सीएमओ ने आदेश काफी पहले किया है कल रिमाइण्डर भंजा है और बाद में मीडिया के पहुंचने पर श्री मिश्र ने बताया कि आदेश की प्रति प्रशासनिक अधिकारी दिलीप प्रदीप के पास है और प्रशासनिक अधिकारी ने सीएमओ का सहारा लेकर आदेश की प्रति न दिखाने की बात कही। और जब सीएमओ से दूरभाष पर हमारे संवाददाता ने पूछा कि क्या आदेश की प्रति प्रशासनिक अधिकारी को मीडिया को दिखाना चाहिए कि नही, तो उन्होने कहा कि दिखाना चाहिए कल कार्यालय में आओं तो बात करते हैं अभी हम मीटिंग में हैं और बाद में प्रशासनिक अधिकारी ने भी फोन उठाना बंद कर दिया।
अब सवाल यह उठता है कि क्या अवैध पैथालाॅजी सचालक इतना दबंग है कि जिसके सामने सीएचसी अधीक्षक से लेकर सीएमओ तक अपंग नजर आ रहे हैं और उसे बचाने का प्रयास करते हुए एक दूसरे पर ठीकरा मढ़कर मिलीभगत के तहत मीडिया से बचने का प्रयास कर रहे हैं अथवा इन संचालकों ने सीएमओ को मोटी रकम बांध रखी है जिससे वो बेखौफ हो चुके हैं। तभी तो जिला अधिकारी का आदेश भी 22 फरवरी से आज तक सीएमओ के सामने बेकार साबित हुआ और वो मजिस्ट्रेटियल पावर न होने की लाचारी दिखाकर पैथालाॅजी सचालकों को येन-केन-प्रकारेन बचाने का प्रयास कर रहे हैं। और वहीं सीधे-सादे और चढ़ावा न चढ़ाने वाले पैथालाॅजी संण्टरों पर कुछ न कुछ कमी निकालकर छापेमारी कर अपनी वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे हैं।