चुनाव न लडने की मिली धमकी को कर दिया था नजरअंदाज
बाराबंकी। भारतीय राजनीति किस दिशा में जा रही है इसका जीता जागता उदाहरण जिले की इस घटना ने दे दिया है। विरोधियो ंद्वारा चुनाव न लडने की मिली धमकी को नजर अंदाज करना प्रत्याशी को कितना भारी पड जायेगा शायद उसे इसका अंदाजा नही था। विरोधियो ने उसकी नाबालिग बेटी का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाद देकर जहंा राजनीति के अपराधी करण का प्रमाण दे डाला वही इस बात ंसंभावना को भी साकार कर दिया कि राजनीति सेवा नही बल्कि जनता के पैसे पर ऐश करने ओैर मेवा खाने का बडा व्यवसाय बन चुका है।
घटना तीन दिन पहले की है जब जिले के थाना जैतपुर अन्र्तगत एक गंाव की निवासी नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने चार में से दो आरापियों को गिरफतार भी कर लिया है जिनसे मिली जानकारी मे ंजो बात सामने आयी उसने भारतीय राजनीति के कंलंकित चेहरे ंको और भी काला करने के साथ इस बात का भी प्रमाण दे दिया है कि जनसेवा के नाम पर किस तरह जनता केा मूर्ख बना उसके पैसे पर ऐश करने का धंधा चलाया जा रहा है।
चुनावी रजिश के आषंका तो पहले से ही थी, आरापियों से मिली जानकारी के अनुसार नाबालिग छात्रा का पिता प्रधानी का चुनाव लड रहा है उसे चुनाव लडने से मना किया गया था परन्तु वह नही माना तो उसकी बेटी का अपहरण कर उसका सामूहिक बलात्कार किया गया। पीडित छात्रा के अनुसार मंगलवार को जब वह अपने स्कूल जा रही थी उसी समय उसके ही गांव के रहने वाले आकाश वर्मा, लालजी वर्मा, सचिन वर्मा तथा शिवम वर्मा ने उसका अपहरण कर लिया तथा उसके साथ सभी ने बारी बारी से बलात्कार करने के बाद उसे उसके घर के पास छोड दिया। घर पहुची पीडिता ने जब अपने पिता को पूरी बात बतायी तो उसने पुलिस की सहायता लेने के लिए तहरीर दी।
गैंगरेप की तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए चार मे ंसे दो आरोपियों को गिरफतार कर बाकी की तलाश शंुरू कर दी है। उक्त घटना जितनी चिन्तनीय, हैरान करने वाली तथा दर्दनाक है वही कई सवाल भी खडे करती है जिनके जवाब ढूढे जाने की सख्त जरूरत है तथा इनके जवाब जनता केा ही ढूढने पडेगें।