विलासपुर( हिमाचल प्रदेश)। अब इसे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कहें या फिर काम का बढता हुआ बोझ, चलाये गये कोरोना जाचं अभियान में गांव में सभी परिवारों के सैम्पल लेने के बाद कुछ परिवारों को सप्ताह बाद भी उनकी रिपोर्ट नही दी गयी जिसके चलते परिवार अपने घर मे ंही कैद रहने केा विवश हो गया। स्थिति तो यहां तक आ गयी कि अब इस परिवार को खाने पीने के भी लाले पडने लगे है।
प्रकरण विगत 27 अपै्रल का है जब विभाग ने जिले के गैहडवी गांव के लगभग सौ लोगों की कोरोना जांच की थी जिसमें से 18 लोग पाजिटिव पाये गये थे। निगेटिव पाये गये कुछ लोगों को तो विभाग ने इसकी जानकारी दे दी परन्तु लापरवाही या फिर काम के बोझ के चलते विभाग अन्य लोगों को इसकी जानकारी देना भूल गया। ऐसे लोगों में से पाचं लोगों को एक परिवार ऐसा है जो सैम्पल देने के बाद से ही घर में इस इंतजार में कैद है कि रिपोर्ट आने के बाद उसी अनुसार आगे कदम बढाया जाये। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने सैम्पल लेने के बाद लोगो को उसकी न तो रिपोर्ट ही सौपी ओर न ही रिपार्ट से अवगत ही कराया।
उधर पिछले एक सप्ताह से अपने ही घर में कैद इस परिवार के पास राशन समाप्त होने से खाने पीने के लाले पडने लगे है। मामले पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी डा0 अरविन्द का कहना है कि जिन लोगों को रिपोर्ट नही मिली है उन्हें अविलम्बा रिपोर्ट उपलब्ध करायी जा रही है।