मध्य प्रदेश लाइफस्टाइल

महामारी के दौर में निस्वार्थ सेवा बन रही मिसाल, बिना किसी सहयोग के मरीजों सहित अनाथ बच्चों को वितरित किया भोजन

इन्दौर (मध्यप्रदेश)। जहां एक तरफ विश्वव्यापी करोना महामारी के इस गम्भीर दौर में कुछ अस्पताल, व्यावसाई तथा अन्य सेवाकर्मी आपदा मे भी अवसर की तलाश कर मरीजों सहित तीमारदारों को ठगने का काम करने पर अमादा है वही बिना किसी अतिरिक्त सहयोग के अपने सीमित संसाधनों से इन्दौर की बच्चों सहित मानसिक रोगियों की निस्वार्थ भाव से सेवा कर समाज मे एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। खास बात तो यह है कि जहां कुछ सस्थाये और लोग मरीज को एक केला देते समय इस तरह भीड लगाकर अपनी फोटो खिचवातें हैं जैसे मरीज को उन्होनें अमृत फल दे दिया हों वही दूसरी ओर इस युवा महिला समाजसेवी के पास ऐसी कोइ्र्र फोटो तक नही है जिसमें वह मरीजों और अनाथ बच्चों की सेवा कर रही हों।

क्लर्क कालोनी इन्दौर की निवासी समाजसेवी भारती सुनहरे ने श्रमिक आश्रम के लगभग 250 अनाथ बच्चों सहित मनोरमा गंज मानसिक रोग चिकित्सालय के लगभग पचास रोगियों को अपने सीमित संसाधनों से भोजन उपलब्ध कराया। लोगों की माने तो सुनहरे ने पिछले वर्ष लगे लाकडाउन में भी अनाथ बच्चों और रोगियों की सहायता की थी।

युविका सुनहरें का यह प्रयास दो मायनों मे खास है पहला तो यह कि उन्होनंें अपनी इस समाजसेवा में न तो किसी संगठन का सहयोग लिया ओैर न ही प्रशासन का, दूसरी खास बात यह है कि उन्होनें अपने इस सेवा में कही भी इस तरह की फोटो खिचवानें से परहेज किया जहां बच्चों को या फिर रोगियों को यह लगे कि उनके असहायता का मजाक उडाया जा रहा है।

अपनी इस निस्वार्थ सेवा पर युविका सुनहरें का  कहना है कि जब तक उनमें सार्मथ्य होगी वह इसी तरह अनाथ बच्चों और असहाय रोगियों की सेवा करती रहेगी। साथ ही उन्होंने आम जनमानस से अपील भी की है कि इस संकट की घड़ी में सभी को एक दूसरे का सहयोग करने के साथ गरीबों, असहायों, अनाथों और रोगियों की सेवा के लिये आगे आना चाहिये !

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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