लखनउ। प्रदेश के दो जनपदो मे ंबिना प्रक्रिया का पालन किये अवैध रूप् से मान्यता दे दिये जाने की मामलें मे ंएसआईटी की जांच पूरी होने के बाद अब उन पर एफआईआर दर्ज किये जाने की तैयारी हो रही है। इस सम्बध मे ंएसआईटी ने शासन से प्राथमिकी दर्ज किेय जाने की अनुमति मांगी है।
ज्ञात हो कि विगत वर्ष 2009 और 10 में प्रदेश के दो जनपद मिर्जापुर तथा आजमगढ में बिना भौतिक सत्यापन के दर्जनों मदरसों को मान्यता दे दी गयी थी। इतना ही नही मान्यता देने के बाद उन्हें करोडों रूप्यों का अनुदान भी उपलब्ध करा दिया गया था। मदरसों को मान्यता देने तथा उन्हें नियमविरूद्व अनुदान उपलब्ध कराये जाने की की शिकायत प्रदेश के मुख्यमत्रंी योगी आदित्यनाथ से होने के बाद मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गयी थी जिसमें मदरसों के फर्जी होने के साथ साथ इस फर्जीवाडे में जिले के अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियो सहित कई बाबूओं की भी भूमिका संदिग्घ पायी गयी थी।
मिल रही जानकारी पर यकीन किया जाये तो इस मामले का खुलासा जिले के एक आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा किया गया था। एसआईटी द्वारा जाचं में मामला सही पाये जाने पर एसआईटी द्वारा सभी फर्जी मदरसों पर एफआईआर दर्ज किये जाने की अनुमति शासन से मांगी गयी है। माना जा रहा है जल्द ही इन सभी पर प्राथमिकी दर्ज भी हो जायेगी।