डीएम ने अभिनव विद्यालय कंसापुर का किया औचक निरीक्षण, व्हाट्सएप पर ग्रामीणों ने डीएम से किया था अनुरोध
गोण्डा ! शुक्रवार को डीएम मार्कण्डेय शाही ने विकासखण्ड झंझरी अन्तर्गत ग्राम पंचायत कंसापुर में करोड़ोें की लागत से बने बन्द पड़े अभिनव विद्यालय का औचक निरीक्षण किया।
बताते चलें कि शुक्रवार को जिलाधिकारी के व्हाट्सएप पर ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई कि कंसापुर में करोड़ो रूपए की लागत से बना देवीपाटन मण्डल में सीबीएसई बोर्ड का एक मात्र सरकारी इन्टर कालेज उपेक्षा का शिकार है और यहां पर विगत दो वर्षों से कक्षाएं संचालित नहीं हो रही हैं। विद्यालय धीरे-धीरे जीर्ण होता जा रहा है। ग्रामीणों ने डीएम को भेजे गए मैसेज में यह भी अनुरोध किया कि कृपया एक बार इस खूबसूरत विद्यालय का निरीक्षण कर लें तथा इस विद्यालय में कक्षाएं संचालित कराने की व्यवस्था करा दें।
जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने प्राप्त मैसेज पर तत्काल जिला विद्यालय निरीक्षक व एक्सईएन पीडब्ल्यूडी को कार्यालय तलब किया और उनके साथ निरीक्षण के लिए अभिनव विद्यालय कंसापुर पहुंच गए। वहां पर पहुंचकर डीएम ने जानकारी ली तो ज्ञात हुआ कि कुल 52 बीघे के रकबे के परिसर में बना हुआ अभिनव विद्यालय कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल बहराइच यूनिट द्वारा वर्ष 2016 में बनाया गया था। परन्तु कार्यदायी संस्था द्वारा पूरा निर्माण कार्य नहीं कराया गया। वित्तीय जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि अभी भी कार्यदायी संस्था के खाते में 96 लाख रूपए की धनराशि निष्प्रयोज्य पड़ी हुई है। वहां पर उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि इस विद्यालय में 2016-2017 में छात्र-छात्राओं की अच्छी खासी संख्या थी परन्तु विगत दो वर्ष से विद्यालय में न तो प्रधानाचार्य की तैनाती है और ही शिक्षक व अन्य स्टाफ ही तैनात किए गए हैं।
जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित डीआईओएस को निर्देशित किया कि वे कार्यदायी संस्था को कारण बताओ नोटिस जारी कराएं तथा विद्यालय को साफ-सुथरा कराने के साथ ही अधूरे कार्य को पूरा कराने की कार्यवाही करें। जिलाधिकारी ने डीआईओएस को यह भी निर्देश दिए कि विद्यालय की बाउंड्री वाल निर्माण तथा मरम्मत का कार्य शीघ्र शुरू कराएं ताकि शासन की मंशा अनुसार इस सुन्दर विद्यालय का सदुपयोग छात्र-छात्राओं का भविष्य संवारने के लिए किया जा सके।
उन्होंने कहा कि विद्यालय में आवश्यक स्टाफ की तैनाती की भी कार्यवाही करें जिससे कोविड संक्रमण कम होते ही शिक्षण कार्य शुरू कराया जा सके। निरीक्षण के दौरान डीआईओएस, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी, ओएसडी शिवराज शुक्ला उपस्थित रहे।