उत्तर प्रदेश शिक्षा

शिक्षकों के वेतन कटौती का राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने किया विरोध

दिवंगत शिक्षकों को कोरोना योद्धा मानते हुए न्यायालय के आदेश के अनुपालन में मुआवजा देने की मांग

माँग न माने जाने पर दी आंदोलन की चेतावनी

लखनऊ। प्रदेश के अधिकांश शिक्षक उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के निजस्वार्थ लिए गए एक दिन की वेतन कटौती के निर्णय के पक्ष में नही है। शिक्षकों ने इस संबंध में फेसबुक, ट्वीटर व व्हाट्सअप्प आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुलकर विरोध दर्ज कराया।

दूसरी तरफ राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश प्राथमिक संवर्ग ने भी उक्त संगठन द्वारा बिना शिक्षकों की मनोदशा जाने ही वेतन कटौती के निर्णय का विरोध व आलोचना की है।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश प्राथमिक संवर्ग की वर्चुअल बैठक प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह की अध्यक्षता व राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह के संरक्षण में हुई। प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि उनका संगठन बेसिक के शिक्षकों का शासन द्वारा मान्यता प्राप्त संगठन है और ऐसे किसी भी निर्णय से पूर्णतया असहमत है।

प्रदेशीय महामंत्री प्राथमिक संवर्ग भगवती सिंह ने बताया कि उनके संगठन द्वारा इस संबंध में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को पत्र भेजकर बताया गया है कि उक्त संगठन द्वारा एक दिन की वेतन कटौती के सम्बन्ध में ना तो अपनी सदस्यता सूची भेजी है और ना ही प्रदेश के लाखों शिक्षकों से सहमति लेने का प्रयास किया गया है।

कार्यकारी अध्यक्ष मातादीन द्विवेदी ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व 3 बनाम 1488/1621 का संघर्ष हम सभी शिक्षक संगठन कर रहे थे जिसमें लाखों शिक्षक पूरे उत्साह के साथ हम सबके साथ खड़े थे जिसके परिणाम स्वरूप माननीय मुख्यमंत्री जी ने खुद कालकवलित 1488 चुनाव ड्यूटी में प्रतिभाग करने वाले शिक्षकों को लाभ दिलाने की घोषणा की।

वर्तमान में शिक्षक और शासन के बीच हितों को लेकर एक मनोवैज्ञानिक संघर्ष चल रहा है जिसे चारण पाठ करने वाले उक्त शिक्षक संगठन ने कमजोर करने का कार्य किया है तथा शहीद शिक्षको के परिवार को ही नहीं शहीद शिक्षकों की आत्मा को भी दुखी किया है। बहुसंख्य शिक्षक ऐसे पत्र को शिक्षक हितैषी न मानकर शासन के प्रति चरण वंदन व चापलूसी मानते हैं।

संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह ने कहा कि उनके संगठन का स्पष्ट मानना है कि चुनाव में प्रशिक्षण, मतदान ड्यूटी, मतगणना में प्रतिभाग करने वाले सभी शिक्षकों को कोरोना योद्धा मानते हुए मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप 50 लाख की राशि अथवा उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित धनराशि प्रदान कराने के लिए प्रत्येक स्तर पर हम संघर्ष करेंगे तथा उन सभी शिक्षकों को जिन्होंने चुनाव ड्यूटी में प्रतिभाग नहीं किया परंतु करोना के कारण दिवंगत हुए हैं उनकी सहायता के लिए जनपद स्तर पर शिक्षकों की सहमति के आधार पर एक योजना बनाकर सहयोग किया जाएगा।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश से जुड़े शिक्षक वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने वेतन से किसी भी प्रकार की कटौती कदापि नहीं कराएंगे। अन्यथा की स्थिति मे संगठन आंदोलन करने को बाध्य होगा।

प्रदेशीय मीडिया प्रमुख बृजेश श्रीवास्तव ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि उक्त पत्र की प्रतिलिपि आवश्यक कार्यवाही हेतु बेसिक शिक्षा मंत्री, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा व महानिदेशक स्कूली शिक्षा को भी भेजी गयी है।

प्रदेशीय संरक्षक गोविन्द तिवारी, कोषाध्यक्ष पवन शंकर दीक्षित, प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्रा, मंत्री कामतानाथ, मंत्री शशांक पाण्डेय, आदित्य शुक्ला, अर्चना भास्कर,लखनऊ मण्डल अध्यक्ष महेश मिश्रा व कार्यकारी अध्यक्षा रीना त्रिपाठी सहित कई पदाधिकारियों ने दिवंगत शिक्षकों की सहायता के लिए एक दिन का वेतन काटने की जगह सरकार से शीघ्र मुआवजे की मांग पर जोर देने की बात कही।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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