उत्तर प्रदेश लाइफस्टाइल

एक जून से हो रहा यूपी अनलाक, जानिये क्या रहेगा खुला ओैर क्या रहेगा बन्द

600 से ज्यादा मरीजों वाले जिलो में जारी रहेगी पूरी पाबंदी

लखनउ। लम्बे समय तक कोरोना महामारी के चलते लाकडाउन मे ंचल रहे यूपी वासियों के लिए सरकार ने खुशखबरी दी है। आगामी एक जून से प्रदेश अनलाक होने जा रहा है। लेकिन इस अनलाक मे ंभी सरकार ने कुछ जिलो के लिए पांबंदी यथावत रखी है। आइये जानते है कि उत्तरप्रदेश सरकार ने अपने जारी नये दिशा निर्देशों में किन किन जिलो के लिए क्या कहा है।

एक जून से हो रहे अनलाक में सबसे बडी बात यह है कि जिन जिन जिलों मे अभी भी कोरोना के 600 से ज्यादा मरीज हैं उन्हें इस अनलाक से बाहर रखा गया है। वहां पर पहल से से जारी गाइडलाइन का ही पालन करना होगा। लेकिन जैसे जेैस ये जिले कोरेाना पर लगाम लगाते जायेगें उन्हें भी अनलाक मे शमिल कर लिया जायेगा।

इस तरह प्रदेश के 55 जिलों में अनलाक की प्रक्रिया आरम्भ हो जायेगी जबकि बाकी के 20 जिले अभी भी लाकडाउन मे ंही रहेगें। जिन जिलो में अनलाक की प्रक्रिया अपनायी जायेगी वहां भी सप्ताह मे ंमात्र पाच दि नही बाजार खुलेगें वह भी सुबह के सात बजे से शाम के सात बजे तक इसके साथ ही साप्ताहिक बन्दी भी लागू रहेगी अर्थात शनिवार तथा रविवार को पूरी तरह बन्दी रहेगी।

प्रदेश सरकार ने अपने जारी गाइडलाइन मे बताया है कि प्रदेश के मेरठ, लखनउ, सहारनपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, गोरखपुर, मुजफफरनगर, बरेली, गोतमबुद्वनगर, बुलंदशहर, झांसी, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, सोनभद्र, जौनपुर, बागपत, मुरादाबाद, गाजीपुर, बिजनौर तथा देवरिया जिले इस अनलाक से बाहर ही रहेगें क्योंकि वहा पर अभी भी कोरोना के केस छह सौ से ज्यादा चल रहे है।

यह भी बताया गया है कि साप्ताहिक बन्दी के समय पूरे प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सेनेटाइजेशन तथा फागिंग का अभियान चलाया जायेगा। अनलाक वाले जिलों में खुलने वाले दुकानांें में दुकानदार के साथ साथ वहां के कर्मचारियांें के साथ साथ ग्राहको को भी कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना जरूरी होगा जिसमें मास्क पहनना, दो गज की दूरी बनाना तथा सेनेटाइजर की व्यवस्था रखना शामिल है।

फ्रंटलाइन वर्करों वाले विभागों में कर्मचारियों की पूरी उपस्थिति के अलावा अन्य विभागों में उनके कर्मचारियों की मात्र पचास प्रतिशत ही उपस्थिति रहेगी। इसके सााि ही प्रत्येक विभाग मे कोरोना हेल्पडेस्क की भी स्थापना की जायेगी। इसके साथ ही औद्यौगिक संस्थानों में वहां कार्यरत कर्मचारियेां को उनके आईडी कार्ड या फिर संस्थान द्वारा प्रदत्त प्रमाण पत्र के आधार पर आवागमन की स्वीकृति दी जायेगी। सभी औद्यौगिक सस्थानों में भी कोविड हेल्पडेस्क की स्थापना भी अनिवार्य रूप् से की जायेगी।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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