गल्तियों से सीखकर और आत्मविश्वास बनाए रखकर हासिल की सफलता-लेफ्टिनेंट प्रवेश भारद्वाज
भारतीय सेना को जिन्दगी जीने का अनुशासित तरीका बताकर,युवाओं का सेना में जाने के लिए बढ़ाया उत्साह
छतरपुर (मध्यप्रदेश)।शहर के प्रतिष्ठित कवि स्वर्गीय आदित्य शर्मा ‘चेतन’ व माता श्रीमती शोभा शर्मा के पुत्र प्रवेश भारद्वाज ने भारतीय थल सेना में ऑफिसर बन कर छतरपुर शहर का नाम रोशन करने के साथ ही युवाओं का भारतीय सेना में जाने के लिए प्रेरणास्रोत बनकर उत्साह बढ़ाया है।
ज्ञात हो कि लेफ्टिनेंट प्रवेश शासकीय महाराजा महाविद्यालय छतरपुर में खेल अधिकारी के पद पर पदस्थ डाॅ अरविन्द महलोनियां के भतीजे व स्वर्गीय रामकरण शर्मा,शिक्षक के पौत्र हैं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा छतरपुर में पूर्ण करने के पश्चात भोपाल के यूआईटी-आरजीपीवी कॉलेज से ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की। जहां से उन्हें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज इंदौर में जाॅब के लिए प्लेसमेंट मिल गया। उन्होंने जाॅब के साथ ही सेना में ऑफिसर बनने के अपने जज्बे को बरकरार रखते हुए सेना में ऑफिसर रैंक की भर्ती के लिए संघ लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित सीडीएस परीक्षा की तैयारी भी लगातार जारी रखी जिसमें तीन बार असफल होने के बावजूद भी वह हार नहीं मानें और चौथी बार में सीडीएस में छः लाख प्रतिभागियों में से 111 वीं ऑल इंडिया रैंक हासिल कर तथा अगले चरण सबसे कठिन माने जाने वाले एसएसबी के पांच दिवसीय इंटरव्यू को भी उत्तीर्ण कर ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई से एक वर्ष की ट्रेनिंग को विगत 29 मई को सफलतापूर्वक पूर्ण कर भारतीय थल सेना में ऑफिसर बन गए हैं।
लेफ्टिनेंट प्रवेश भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने इसके लिए कोई कोचिंग ज्वॉइन नहीं की बल्कि अपने बड़े भाई प्रबल जो कि पूर्व में इस परीक्षा की तैयारी कर चुके है के द्वारा उनको भरपूर मार्गदर्शन मिला और वह जाॅब करने के साथ ही आत्मविश्वास बनाएं रखते हुए और गल्तियों से सीखते हुए लगातार तैयारी करते रहे।
उल्लेखनीय है कि उनके बड़े भाई प्रबल भारद्वाज वर्तमान में बैंगलोर में मल्टीनेशनल कम्पनी में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर पदस्थ हैं। लेफ्टिनेंट प्रवेश ने भारतीय सेना को देशभक्ति और सेवा के लिए जिन्दगी जीने का एक अलग ही खास व अनुशासित तरीका बताकर युवाओं का सेना में आने के लिए उत्साह बढ़ाया। वहीं इसे कॅरियर का भी अच्छा ऑप्शन बताते हुए युवाओं से प्रमुखता से सेना में आने की अपील भी की।
उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि सफलताओं से पहले अफलताओं से भी सामना होता है लेकिन हमें कभी भी अपना आत्मविश्वास कम नहीं करना चाहिए और प्रत्येक गल्ती से हमें सीखना चाहिए। अंततः सफलता जरूर मिलती है। वहीं शहरवासियों और उनके शुभचिंतकों ने प्रवेश की सफलता पर बधाई और शुभकामनायें देते हुए गर्व महसूस कर रहें हैं।