नयी दिल्ली। हालमार्किंग युक्त जेवरात की बिक्री हेतु भारतीय मानक व्यूरो मंें पंजीयन नही कराया तो दुकान का ताला नही खुल पायेगा। हालाकिं सरकार ने इस पंजीयन की अतिंम तिथि एक जून से बढा कर 15 जून कर दी है।
इस मामले मे ंबात की जाये प्रदेश की राजधानी लखनउ की तो वहा से मिल रही जानकारी के अनुसार राजधानी में अब तक कुल 10 प्रतिशत कारोबारियों ने ही अपना पंजीयन कराया है। इडियन ज्वैलर्स एंव बंुलियन एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनुराम रस्तोगी के अनुसार राजधानी मे ंकुल 3000 सर्राफा कारेाबारी है जिसमे से मात्र 300 ने ही अपना पंजीयन अब तक कराया है। उन्होनंें यह भी बताया कि राजधानी में जो बिना हालमार्क के गहनो का कारोबार है वह कुल कारोबार का 90 प्रतिशत है।
वहीं लखनउ सर्राफा एसासिएशन के महामंत्री प्रदीप अग्रवाल का कहना है िकवह सभी सर्राफा कारोबारियो में इस बात के लिए जागरूकता फैला रहे है कि वह भारतीय मानक व्यूरो मे ंअपना अपना पंजीयन अवश्य करा ले। भारतीय मानक ब्यूरो मे पंजीयन के लिए जीएसटी पंजीयन भी आवश्यक है जिनका जीएसटी नही है उनका पहले जीएसटी पंजीयन भी कराया जा रहा है।
वही लखनउ महानगर सर्राफा ऐसोसिएशन के चेयरमैन राजीव रस्तोगी का कहना है कि भारतीय मानक व्यूरों ने हालमार्किग मे ंघालमेल पर रिटेलर्स को भी सजा देने का प्रावधान रखा है, यह गलत है। गहने के निर्माता और हालमार्किंग सेन्टर में ही गहनो की शुद्वता से खिलावाड किया जा सकता है इसमें रिटेलर्स की कोई भी भूमिका नही होती इसलिए खुदरा ज्वैलर्स बिक्रताओं को इस सजा से हटाना चाहिए।