दुर्घटना की स्थिति में बेहतर प्रबध्ांन के लिए हुयी मांक ड्रिल
गोण्डा। रेल दुर्घना की स्थिति में बेहतर प्रबध्ांन और तालमेल के लिए एनडीआरएफ और रेलवे सुरक्षा बल ने शुक्रवार को मांकड्लि का आयोजन किया जिसमें अपनी चिरपरिचित कुशलता का प्रर्दशन करते हुए दुर्घटना ग्रस्त लोगों को बेहतर से बेहतर सुविधा त्वरित दिलाने का प्रर्दशन किया गया।
उत्तर प्रदेश में रेल दुर्घटना से निपटने की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को गोण्डा रेलवे स्टेशन पर एक मांकड्लि का आयोजन किया गया। इस मांकड्लि में एनडीआरएफ, रेलवे, फायर सर्विस, पुलिस नोडल एजेन्सियों सहित अन्य ऐजेन्सियों ने भाग लिया।
इस मांकड्लि में राष्ट्ीय आपदा मोचन बल के क्षेत्रीय प्रत्यित्तर केन्द्र गोरखपुर की 35 रेस्कुयर्स की एक टीम ने भाग लिया। इस मांकड्लि के दौरान एनडीआरएफ को रेलवे प्रशासन द्वारा सूचना दी गयी कि रेलवे स्टेशन गोण्डा के नजदीक रेलवे की कुछ बोगिया डीरेल हो गयी है जिसमें कुछ यात्रियों के फंसे होने की आशंका है। सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की टीम त्वरित कार्यवाही करने के लिए हरकत में आयी। पुलिस प्रशासन द्वारा एनडीआरएफ की टीम के दुर्घटना स्थल पर पहुचने के लिए एक ग्रीन कारीडोर का निर्माण किया गया जिसके माध्यम से टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए फंसे लोगों को बाहर निकाला, इस दौरान टीम को बोगी की छत भी काटनी पडी, घायलों को एनडीआरएफ द्वारा स्थापित मेडिकल कैंम्प ले जाया गया जहां तैनात सुप्रशिक्षित मेडिकल टीम ने बिना समय गंवायें घायलों को प्राथमिक उपचार प्रदान कर नजदीकी अस्पताल तक पहुचाया गया।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मांकड्लि से रेलवे प्रबध्ांन और विभिन्न ऐजेन्सियों को आपसी तालमेल सुदृढ बनाने मे ंसहायता मिलेगी और प्रदेश में होने वाली रेल दुर्घ्ाटनाओं में बेहतर प्रबध्ांन किया जा सकेगा।
इस अभ्यास कार्यक्रम में एनडीआरएफ टीम कमाण्डर निरिक्षक रजनीश कुमार, उपननिरीक्षक राकेश कुमार, सहायक उपनिरीक्षक अतर सिंह, सहायक उपनिरीक्षक संचार बसंत विश्वकर्मा का अहम सहयोग रहा इसके अतिरिक्त बोगी में फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने में मुख्य आरक्षी दीवान चन्द्र और उनके दस अन्य सहकर्मियों तथा अस्पताल से पूर्व दी जाने वाली चिकित्सा में मुख्य आरक्षी सामान्रू राजेन्द्र प्रसाद, राहुल रंजन और उनके सहयोगियों का अहम योगदान रहा।