कानपुर। लालच देकर तथा माइन्डवाश कर दिव्यांग बच्चों का धर्मपरिवर्तन कराने के मामले पर एटीएस ने बडा खुलासा किया है। दिव्यांग बच्चे ने इषारों से बताया है कि धर्मपरिवर्तन के बाद उसका खतना किये जाने के लिए उमर ने उसे दो हजार रूप्ये दिये थे।
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धर्मान्तरण मंामले की जाचं कर रही एटीएस की टीम ने मगलवार को साकेतिक भांषा के विशेषज्ञों के साथ धर्मान्तरण के शिकार हुए दिव्यांग आदित्य उर्फ अब्दुल के घर पहुची और सांकेतिक भाषा के विषेशज्ञो की सहायता से आदित्य से पूछताछ की। पूछताछ मे आदित्य ने बताया कि उसे खतना करवाने के दो हजार रूप्ये दिये गये थे। पूछताछ में आदित्य ने एक चैकाने वाली जानकारी भी एटीएस को दी। उसने अलीगढ निवासी एक दिव्यांग छात्र की फोटो एटीएस को देते हुए बताया कि इसका भी धर्मान्तरण किया जाने वाला है।
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आदित्य द्वारा मिली इस महत्वपूर्ण जानकारी पर सक्रिय हुयी एटीएस अलीगढ के छात्र को बचाने मे लग गयी है। आदित्य ने एटीएस को यह भी बताया कि उसे कैसे कैसे इस्लाम अपनाने के लिए तैयार किया गया। आदित्य ने बताया कि स्कुल मे आने वाले एक शिक्षक ने सबसे पहले उसे इस्लाम अपनाने के प्रेरित किया। इसके बाद चमनगंज निवासी मोहम्मद वासिफ से उसका सम्पर्क कराया गया। वासिफ सोशल मीडिया के माध्यम से उसे मोहम्मद उमर के वीडियो भेजता था और उन्ही वीडियो के माध्यम से उसका ब्रेनवाश करता रहा। काफी समय बाद उसका सामना मोहम्मद उमर से कराया गया।
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आदित्य ने बताया कि यह प्रक्रिया लगभग दस माह चली उसके बाद उसका धर्म बदलकर उसका नाम अब्दुल कादिर रख दिया गया। एटीएस को आदित्य के सोशल मीडिया एकाउन्ट से तमाम चैकाने वाले वीडियो भी मिले है जिनमें उमर लोगों को धर्मपरिवर्तन करने के लिए प्रेरित करते दिखाई दे रहा है। आदित्य के पास इस्लाम से सम्बध्ंिात कई पुस्तकें भी मिली है जिसे उमर ने उसे दी थी। फिलहाल एटीएम ने आदित्य का मोबाइल उसके पास मिली किताबे और अन्य चीजों केा सीज कर दिया है।