जिम्मेदारों ने जिम्मेदारी से झाडा पल्ला
थाणें (महाराष्ट्)। आपने कभी सोचा भी नही होगा कि किसी जीवित व्यक्ति को फोन कर इस बात की सूचना दी जाये कि वह आकर अपना मृत्यू प्रमाण पत्र ले जाये। लेकिन महाराष्ट् के थाणे म्यूनिस्पिल कारपोरेशन ने यह कारनामा कर दिखाया है। और हद तो इस बात की हो गयी कि जब इस मामले की शिकायत लेकर पीडित कारपोरेशन पहुंचा तो किसी ने भी इसकी समस्या का समाधान करने के स्थान पर अपनी गलती न मानते हुए हाथ खडे कर दिये।
बेहद ही आश्चर्यचकित करने वाला यह मामला महाराष्ट् के थाणे क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि थाणे के ही एक स्कूल मे ंअध्यापक चन्द्रशेखद देसाई को विगत मंगलवार को थाणे म्यूनिसिपल कारपोरेशन द्वारा एक फोन आया जिसमें बात करने वाली महिला ने उनसे कहा कि उन्हें चन्द्रषेखर देसाई के म्त्यू प्रमाणपत्र ले जाने के लिए काल किया गया है। जब श्री देसाई ने यह कहा कि वह स्वयं चन्द्रशेखर देसाई बोल रहेे है तो महिला ने यह पूछा कि क्या उनके परिवार मे किसी की कोरोना से मृत्यू हुयी है। चन्द्रशेखर जब तक इस सवाल का कोई जवाब देते अपने आप को थाणे म्यूनिसिपल कारपोशन का कर्मचारी बताने वाली महिला ने फोन काट दिया।
कोरोना की पहली लहर में कोरोना से सक्रमित होने और घर में ही स्वस्थ्य हो जाने वाले चन्द्रशेखर देसाई अपनी ही मौत का प्रमाणपत्र लाने के लिए आये इस फोन से काफी परेशान हो गये और आनन फानन में थाणे म्यूनिसिपल कारपोशन पहुचें इस मामले की जानकारी करने। कारपोरेशन पहुचें चन्द्रशेखर से इस विषय पर बात करने के लिए ही कोई राजी नही हुआ उल्ट इस तरह की किसी भी गलती के होने से ही स्पष्ट इन्कार कर दिया।
काफी प्रयास करने के बाद एक कर्मचारी ने यह बताया कि उनका नाम आईसीएमआर को भेजी जाने वाली मृतको की लिस्ट में हैं इसलिए उन्हें मृत्यू प्रमाण पत्र ले जाने के लिए काल किया गया होगा, लेकिन जब श्री देसाई ने यह सवाल किया कि लिस्ट में नाम तो कारपोरेशन द्वारा ही भेजा गया होगा, इस पर उन्हे फिर से मौन का ही सामना करना पडा।
वही इस मामले पर कारपोरेशन के अधिकारियो ंका कहना है कि गलती बडी है इसे सुधारने का प्रयास किया जायेगा। उनहोेनंें कहा कि यह गडबडी रिपोर्टिग सिस्टम की वजह से हो सकती है। इसे ठीक किया जायेगा।