नोयडा। आपने मुर्गी, बतख या फिर अन्य पक्षियो के अडों के आमलेट बनाने की बात तो आम तौर पर सुनी और देखी होगी लोकिन यदि आपको इस बात की जानकारी मिले कि किसी ने राष्ट्ीय पक्षी मोर के अन्डो का आमलेट बनाया है तो आपको कतई विश्वास नही होगा। लेकिन यह पूरी तरह सत्य है मोरनी के दिये अडों को चोरी कर कुछ लोगों ने उसका आमलेट बनाया और खा भी लिया। मामला पुलिस के जानकारी मे आने पर उसने अंडो के छिलके केा आरोपी के यहां से बरामद कर उसे जांच के लिए भेज दिया है। बताय जा रहा है इस मामलेें मे सात वर्ष की सजा हो सकती है।
प्रकरण नोयडा के गं्राम वीरमपुर का है। ग्रामीणो को कहना है कि गांव के एक खाली प्लाट में लगे तोरई के पौधे के पास एक मोरनी ने चार अंडे दिये थे जिसे चार लडकों ने उठा लिए और उसके आमलेट बनाकर खा लिए है।
घटना की जानकारी तब हुयी जब ग्रामीणो ंको उस जगह अंडे नही दिखाई दिये तब जब उन्होने जानकारी करनी शुरू की तो एक बच्चे ने बताया कि उसने चार लोगों केा अंडे ले जाते हुए देखा है। जब ग्रामीणो ंने उन लडको के घर जाकर अडों के बारे मे पूछताछ की तो उन्होनंें कहा कि अडों के आमलेट बना कर उन लोगो ंने खा लिए है। जब उन्होनें पूछा िकवे मोर के अंडे थे उन्हें नही खाना चाहिए तो उन लोगों ने ग्रामीणो को धमकी देकर वहा से भगा दिया।
अपने अंडो के लिए परेशान मोरनी को चिल्लाते देख परेशान ग्रामीणो ने मोर के अडंो की चोरी और उनके आमलेट बनाकर खा जाने की शिकायत पुलिस से की जिस पर पुलिस ने आरेापियो के घर पहुच कर अंडो के छिलके बरामद किये और उन्हे जाचं के लिए फोरेसिंक लैब भेज दिया है।
पुलिस का कहना है कि मामले की जाचं की जा रही है यदि बरामद किये गये अंडो के छिलके मोर के होने के प्रमाण आ जाते है तो आरोपियों पर कडी कार्यवाही की जायेगी। वही जिला वन्य जीव अधिकारी पी के श्रीवास्तव का कहना है कि मोर भारत का राष्ट्ीय पक्षी हे। इसका शिकार करना, इसके अंडो को किसी भी प्रकार नष्ट करना, या फिर उन्हें खाना आदि हरकते वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अर्न्तगत आपराधिक कृत्य है। यदि इस तरह के आरोप सिद्व हो जाते है तो सात साल तक की सजा हो सकती हेै। घटना के बारे मे ंउन्होनंें बताया की उसकी जानकारी है। पुलिस से भी शिकायत की गयी है मामले की जांच वन विभाग अपने स्तर से भी करेगी।