लखनउ। यू ंतो रेलवे स्टेेशनो पर आरपीएफ तथा जीआरपी कर्मियों की बदतमीजी की खबरें आम रहती है, लेकिन यह बदतमीजी इस कदर बढ जाये कि उन्हें इतना भी ध्यान न रहे कि जिस भोजन का सम्मान करना चाहिए उसे ही लात से मार रहे हैं और उनके इस क्त्य से एक मासूम की जान पर भी बन आये ऐसा नही देखा या सुना गया था। लेकिन शनिवार को एक आरपीएफ कर्मी ने इसे भी कर दिखाया।
घटना शनिवार को चारबाग स्टेशन पर अवैध रूप् से रह रहे लोगों के विरूद्व आरपीएफ के चलाये गये अभियान के दौरान सामने आयी। स्टेशन पर अवैध रूप् से अपना आशियाना बनाये लोगो ंकेा वहां से हटाते हुए आरपीएफ की टीम प्लेटफार्म पर बने शौचालय के पास पहुची तो वहा पर उन्हें एक महिला खाना पकाने की तैयारी करती दिखाई पडी। वही पास मे महिला का एक छोटा सा बच्चा भी खेल रहा था। खाना पकाते देख आरपीएफ टीम की निगाहे टेढी हो गयी और उनमे से एक सिपाही ने आव देखा न ताव गैस चूल्हे पर चढे कूकर को जोर से लात मारी जिसमें दाल पक रहा था। कूकर पर लात पडते ह ीवह खुल गया और उसकी दाल बिखर गयी, दाल का कुूछ हिस्सा पास ही खेल रहे बच्चे पर भी जा पडी और वह झूलस गया।
हैरानी तो इस बात की रही कि भयंकर जलन से तडफ रहे बच्चे को रोता देखकर भी आरपीएफ कर्मी नही रूके और उन्होनें महिला का सारा सामान वहां से उठा कर बाहर फेंक दिया।
आरपीएफ की अति संवेदनहीनता का प्रणाम तो उस समय दिखाई दिया जब आरपीएफ इन्सपेक्टर मुकेश कुमार से इस बावत जानकारी चाही गयी तो उन्होनें निष्ठुरता दिखाते हुए जवाब दिया कि महिला व उसका परिवार स्टेशन पर अवैध रूप् से रह रहे थे उन्हें हटने के लिए कहा गया था। इसके चलते ही कूुकर की दाल के कुछ ही छीटे बच्चे पर गिरी है झुलसने की बात गलत है।