बिल पास कराने के नाम पर ठेकेदार से ली थी डेढ लाख की रिश्वत
आगरा। बिल पास कराने के नाम पर ठेकेदार से डेढ लाख की रिश्वत मागंने वाले रेलवे के एईएन को एसीबी ने रंगे हाथों गिरफतार कर लिया है। बताया जाता है इस अधिकारी के अधीन लगभग बीस करोड रूप्ये के कार्य चल रहे थे जिनमे ंसे उस एक काम के डेढ करोड रूप्यों का भुगतान करना था।
मामला आगरा रेल मडल से जुडा है जहंा मथुरा अलवर लाइन पर विभिन्न तरह के कार्य चल रहे हैं जिनमें कई पुलों का भी निर्माण शामिल हैं। ये सभी काम एईएन रमेश सिंह के अधीन कराये जा रहे थे। बताया जा रहा है इन्ही कार्यो केा सम्पादित कर रहे एक ठेकेदार जिसका डेढ करोड रूप्ये का भुगतान होना था उसके बिल को पास करने के लिए एइएन रमेश सिंह ने ठेकेदार से डेढ लाख रूप्ये के रिश्वत की मांग की। ठेकेदार को काम से कुछ ज्यादा फायदा नही हो रहा था इसलिए उसने अपने आप को रिश्वत देने मे असमर्थ पाया लेकिन यदि वह एईएन को रिश्वत नही देता तो उसका भुगतान लटक जाता। बहुत सोच विचार के बाद उसने रिश्वत देने से अच्छा इसकी जानकारी एन्टी करेप्शन व्यूरो को देने की सोची।
एसीबी को मिली इस जानकारी पर उसने रिश्वतखोर अधिकारी को रंग हाथों पकडने की योजना बनायी और रविवार को रिश्वत के पैसो ंसहित गिरफतार भी कर लिया। मामले मे ंएन्टी करप्शन व्यूरो के अधिकारी एएसपी विजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे ब्रिज लाइन के एईएन रमेश सिंह को रिश्वत की पूरी राशि डेढ लाख रूप्ये के साथ व्यूरो की टीम ने गिरफतार किया है। यह राशि उसने ठेकेदार से बिल पास कराने के एवज मे ंमांगी थीं।
खास बात तो यह है कि एईएन रमेश ंिसंह को शायद इस बात की भनक लग गयी थी या फिर वह रिश्वत के मामलो मे पूरी तरह शातिर था। बताया जाता है उसने जब ठेकेदार से रिश्वत के पैसे लेने की बात कही तो उसने उसे कई जगहों पर बुलाया जिसके चलते एन्टी करप्शन की टीम को पूरे दिन उसके पीछे पीछे कई जगहों पर भागना पडा लेकिन अन्ततः वह ब्यूरो को चकमा देने मे विफल रहा और घुस की रकम लेते हुए व्युरो के हाथ चढ ही गया।