20 हजार का ईनामी था गैगस्टर संजय सिंह
इन्सपेक्टर सहित चार पुलिसकर्मी किये गये लाइनहाजिर
मुरादाबाद। क्या कोई गैगस्टर जिस पर हजारों रूप्ये का ईनाम घोषित हो, वह प्रधानी पद का नामांकन भी करे, प्रचार भी करें, जीत भी जाये और बिना किसी परेशानी के प्रधानी पद का शपथ भी ग्रहण कर ले, और स्थानीय थाने की पुलिस को खबर न लगे। आप बिल्कुल भी विश्वास नही करेगें। लेकिन ऐसा हुआ है और पुलिस की इस लापरवाही कहें या फिर भ्रष्ट आचरण के चलते उच्चधिकारियों ने इन्सपेक्टर सहित चार पुलिस कर्मियों को लाइनहारिज कर दिया है।
अपने आप में हैरान करने वाला यह पुलिसिया कारनामा भगतपुर थाना क्षेत्र का है जहंा के ग्राम निवाड खास निवासी संजय सिंह को फरवरी माह मे शराब तस्करी के मामले मे एसटीएफ द्वारा गिरफतार किया गया था। उस समय उसके पास से 30 हजार लीटर नकली शराब बरामद की गयी थी जिसकी कीमत लगभग पचास लाख रूप्ये बतायी गयी थी। इस मामले मे सजयं को जमानत भी मिल गयी थी। बताया जा रहा है जमानत पर रहते हुए ही संजय ने पंचायत चुनाव लडा और जीत कर प्रधान बन गया।
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बताया जा रहा है इसी बीच 10 मई को पुलिस ने संजय पर गैगस्टर भी लगा दिया तथा उसके उपर 20 हजार रूप्ये र्का इंनाम भी घोषित कर दिया। पुलिस उसे इस मामले मे तलाश भी कर रही थी। लेकिन यह तलाश शायद फाइलो मे ही थी क्योकि इसी बीच आयोजित शपथ ग्रहण समारोह मे संजय ने प्रधानी की शपथ भी ग्रहण कर ली। ज्ञात हो कि शपथ ग्रहण समारोह मे पुलिस की भी अच्छी खासी तादात मे डयूटी भी लगी थी।
खास बात तो यह है कि इसके बाद एसटीएफ ने अपनी कार्यवाही करते हुए संजय को गिरफतार किया और उसे जेल भेजा। स्थानीय पुलिस की इस लापरवाही कहें या फिर भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा, एक गैगस्टर द्वारा फरारी के दौरान प्रधानी पद का शपथ ग्रहण करने ओैर स्थानीय पुलिस केा भनक भी न लग पाने का मामला जब मीडिया की सुर्खिया बना तो उच्चधिकारी होश मे आये और डीआईजी शलभ माथूर नें मामले की जाचं के आदेश दे दिये।
खास बात तो यह है इस मामले मे ंआयी पहली जांच के डीआईजी ने सत्य न मानते हुए रददी की टोकरी मे डाल दिया तथा इसकी जाचं बिजनौर के एएसपी को सौंप दी। बिजनौर के एएसपी द्वार मिली जाचं पर एसएसपी पवन कुमार ने कार्यवाही करते हुए थाने के इन्सपेक्टर, एक दरोगा, दो सिपाही तथा एक महिला सिपाही को लाइनहाजिर कर दिया।